“ऑनलाइन सट्टा” महादेव और रेड्डी अन्ना के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई, 4 आरोपी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजों का नेटवर्क बिलासपुर तक पहुंच गया है। मंगलवार को पुलिस ने दुबई से ऑपरेट होने वाले महादेव और रेड्डी अन्ना के बड़े ब्रांच में दबिश देकर मैनेजर समेत चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 4 लाख रुपए, 2 लैपटॉप, 16 मोबाइल, 9 एटीएम, 3 पैनकार्ड, 6 आईकार्ड, 6 चेक बुक, 4 पासबुक, 2 बुक आहरण और जमा पर्ची बरामद किया गया है। इसके साथ ही पुलिस को महादेव और रेड्डी अन्ना ऑनलाइन बेटिंग के माध्यम से सट्टा खिलवाने वाले एप्लिकेशन से 22 हजार मोबाइल नंबर, 270 बैंक अकाउंट, 200 वीआईपी मोबाइल नंबर में व्हाट्सएप एक्टिव आईडी के साथ 10 से अधिक वेबसाइट की जानकारी मिली है। यह कार्रवाई एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट (ACCU) के साथ ही चकरभाठा पुलिस ने की है।
पकड़े गए आरोपियों में महादेव और रेड्डी अन्ना का नेटवर्क चलाने वाला मैनेजर इंजीनियर है। इसके साथ ही तीन अन्य कर्मचारियों में एकाउंटेंट भी शामिल है, जो फार्मासिस्ट और आईटीआई प्रशिक्षित हैं। पकड़े गए युवकों ने बताया कि उन्हें 20 हजार रुपए की सैलरी में बतौर कर्मचारी रखा गया था और उन्हें लैपटॉप ऑपरेटर कर रकम का ऑनलाइन रिकार्ड तैयार करने कहा गया था। बेरोजगारी के चलते युवकों को ऑनलाइन चेटिंग की नौकरी करनी पड़ी। उनका कहना है कि उन्हें इस तरह से ऑनलाइन सट्टा ऑपरेट होने की जानकारी नहीं थी।
SSP पारुल माथुर ने बताया कि CM भूपेश बघेल और DGP अशोक जुनेजा के निर्देश पर बिलासपुर में ऑनलाइन सट्टेबाजों के नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही थी। रायपुर में गाड़ी में घूम घूम कर ऑनलाईन सट्टा खिलाने वालों की जानकारी मिलने के बाद बिलासपुर में भी इसका ब्रांच ऑपरेट होने की जानकारी मिली। इस दौरान मुखिबर से सूचना मिलने पर ACCU प्रभारी हरविंदर सिंह के साथ चकरभाठा TI मनोज नायक की टीम बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
SSP पारुल माथुर ने बताया कि महादेव और अन्ना एप दुबई सहित अन्य देशों से ऑपरेट होता है। उनके लोग देश मे ऑन सट्टा संचालित करते हैं। इसके लिए उन्हें लिंक के साथ ID दिया जाता है। उनके ब्रांच कोलकाता, दिल्ली, पंजाब, उतर प्रदेश, उड़ीसा,राजस्थान, हरियाणा महाराष्ट्र और गोवा में भी संचालित होने की जानकारी मिली है। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया उन्हें एप में बतौर कर्मचारी नौकरी दी गई थी। नेटवर्किंग का काम करने के पहले उन्हें बकायदा एक सप्ताह की ट्रेनिंग भी दी गई थी।