रेलवे ने यात्रियों के बच्चों को दूध से लेकर दवा तक पहुंचायी, इलाज भी कराया
जबलपुर। कोरोना काल के दौरान महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगने के बाद बड़ी संख्या में मजदूर और आमजनों ने यूपी—बिहार की ओर पलायन किया। इस दौरान रेलवे ने उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए स्पेशल सुपरफास्ट ट्रेन चलाई। इतना ही नहीं सफर के दौरान यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा से लेकर उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास किए।
जबलपुर रेल मंडल को इस दौरान रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 से लगभग 235 यात्रियों की शिकायत मिली। इसमें स्वास्थ्य खराब होने से लेकर खाना—पानी ही नहीं बल्कि बच्चों को दूध उपलब्ध कराने जैसे मदद मांगी गई। हमने समय रहते यात्रियों की मदद की। यह जानकारी जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम संजय विश्वास ने दी।
तीन करोड़ 26 लाख का वसूला जुर्माना: शुक्रवार शाम वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि रेलवे बोर्ड ने मिले निर्देश के बाद हमने ट्रेनों में सघन जांच अभियान चलाया, जिसमें बड़ी संख्या में बिना टिकट सफर करने वाले यात्री मिले। मंडल की टिकट जांच टीम द्वारा लगभग 46 हजार लोगों को बिना टिकट और अनाधिकृत यात्रा करते हुए पकड़ा गया, जिससे हमने लगभग तीन करोड़ 26 लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया गया।
प्रेसवार्ता के दौरान डीआरएम श्री विश्वास ने बताया कि भेड़ाघाट, झुकेही एवं मकरोनिया में बोर्ड के निर्देश पर 24 घंटे के अन्दर रैम्प बनाकर कोविड -19 के मरीजो के जीवन की रक्षा के लिए आने वाली आक्सीजन एक्सप्रेस के टेंकरों को अन लोड किया गया।
मदनमहल से हटाए दिए आइसोलेशन कोच: पिंक स्टेशन मदन महल में कोविड के संक्रमितों के उपचार के लिए आईसोलेशन कोचों के रैक को रखा गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद यहां से इन कोचों को हटा दिया गया है। इन्हें हटाने की वजह मदनमहल स्टेशन में चल रहे निर्माण कार्य को फिर शुरू करना है। डीआरएम ने बताया कि इस बार कर्मचारियों के उपचार के लिए केन्द्रीय रेल चिकित्सालय सहित न्यू कटनी जंक्शन, सतना, सागर, ब्यौहारी में अस्थायी कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गयी। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता, वरिष्ठ मंडल वणिज्य प्रबंधक विश्वरंजन तथा मंडल वणिज्य प्रबंधक देवेश सोनी भी उपस्थित थे।