AAP नेता गोपाल इटालिया ने अब PM की मां को कहे अपशब्द, स्मृति बोलीं- वो गटर जैसे मुंह वाला
भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) की गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया का एक नया वीडियो जारी किया जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 100 वर्षीय मां का कथित तौर पर मजाक उड़ाते नजर आ रहे हैं। गुजरात भाजपा ने वीडियो जारी किया और पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने भी इसे ट्वीट किया है। इसकी तारीख ज्ञात नहीं है लेकिन यह पुराना लग रहा है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर इटालिया का वीडियो साझा करते हुए आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा।
उति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘अरविंद केजरीवाल, गटर जैसे मुंह वाले गोपाल इटालिया ने आपके आशीर्वाद से पीएम मोदी की मां हीरा बा के लिए अपशब्द कहे हैं। मैं कोई नाराजगी नहीं जता रही, मैं यह नहीं दिखाना चाहती कि गुजराती कितने नाराज हैं, लेकिन यह जान लें कि आपको आंका गया है और आपकी पार्टी गुजरात में चुनावी रूप से समाप्त हो जाएगी। अब जनता न्याय करेगी।” भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने इटालिया को सिलसिलेवार अभद्रता करने वाला व्यक्ति बताया। इटालिया ने पहले अपने बचाव में कहा था कि भाजपा उन पर निशाना साध रही है क्योंकि वह पाटीदार हैं।
इससे पहले भाजपा ने उनके दो वीडियो जारी किए थे। इनमें से एक में वह मोदी के लिए अपशब्द बोलते और दूसरे में महिलाओं को मंदिर नहीं जाने की सलाह देते सुने जा सकते हैं। इटालिया प्रधानमंत्री के खिलाफ अपनी कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए बयान दर्ज कराने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्यालय पहुंचे थे तो उन्हें कुछ घंटे के लिए रोका गया। चलती कार में बनाए गए इस नए वीडियो में इटालिया को कथित रूप से कहते सुना जा सकता है, ‘‘आप ‘नीच’ नरेंद्र मोदी को उनकी जनसभाओं के खर्च सार्वजनिक करने को क्यों नहीं कहते। और उनकी मां हीरा बा भी नाटक कर रही हैं। मोदी 70 साल के करीब हैं, वहीं हीराबा जल्द 100 साल की होंगी, फिर भी दोनों की नौटंकी चालू है।”
अहमदाबाद में गुजरात भाजपा के मीडिया संयोजक यज्ञेश दवे ने वीडियो ट्वीट किया जिसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने आलोचना शुरू कर दी। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता यमल व्यास ने आप नेता पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस आदमी की संस्कृति देखिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 100 वर्षीय मां राजनीति में नहीं हैं। उनके लिए इतनी निम्नस्तरीय भाषा का इस्तेमाल गुजरात की संस्कृति नहीं है।