फूड माफिया का गरीबों के निवाले पर डाका, BG ओवरसीज में मिले चावल के 8 हजार बैग, दो इंस्पेक्टर सस्पेंड
रिंकू नरवाल करनाल: BG ओवरसीज राइस मिल में धान की बोरियों से नीचे चावल के बैग का दृश्य।जुंडला के बाद अब असंध में CM फ्लाइंग टीम ने धान खरीद में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। टीम ने असंध के उपलाना गांव के BG ओवरसीज नाम के राइस मिल के गोदाम में आठ हजार बैग चावल बिहार का पकड़ा। टीम का नेतृत्व कर रहे DSP अजीत सिंह ने बताया कि कुल पांच राइस मिल, जिसमें बाला जी, राधे-राधे , BG ओवरसीज, श्री श्याम शामिल में जांच की गई। BG ओवरसीज में सरकारी धान के भी चार हजार बैग कम मिले है। उन्होने बताया कि अनाज मंडी के आढ़तियों की दुकानों की भी चेकिंग की गई है जिनमे कुछ आढ़तियों के ऑनलाइन गेट पास में मिस मैच मिला है।रात को मिल में जांच करती पुलिस टीम।इस तरह से समझे यह घोटालामंडी में जैसे ही धान आती है, इसे कच्ची पर्ची पर आढ़ती खरीदता है। कायदे से धान की बिक्री का जे फार्म काटना चाहिए। इस फार्म पर उल्लेख होता है कि धान की कीमत क्या है? धान सरकारी खरीद में गया या फिर निजी खरीद रही। धान पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है। इसलिए कुछ राइस मिल, आढ़तियों के साथ मिल कर धान को उसके समर्थन मूल्य से दो से तीन सौ रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा का दाम देकर खरीद लेते हैं। पर क्योंकि किसान को कच्ची पर्ची दी जाती है। इसलिए धान की बिक्री का निजी राइस मिल में न दिखा कर सरकारी बिक्री में दिखा देते हैं है। जो ऊपर के पैसे हैं, वह मिल संचालक आढ़ती को नकद दे देते हैं।अंधरे में पुलिस कर्मी धान की बोरियों के नीचे से चावल की बोरियों की तलाश करते हुए।तो इसमें गड़बड़ी क्या? किसान को तो MSP से ज्यादा दाम मिलाअब राइस मिलर्स इस धान का सैला बना कर खुले बाजार में 3500 रुपए से लेकर चार हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेच देगा। पर जो धान उसने MSP से तीन सौ रुपए अधिक दाम पर खरीद, उस पर वह प्रति क्विंटल 800 रुपए से लेकर एक हजार रुपए आसानी से कमा लेगा। दूसरा यदि वह इस धान को निजी खरीद में लेता तो उसे चार प्रतिशत रेवेन्यू देना पड़ता। सरकारी खरीद होने की वजह से रेवेन्यू से बच गया।धान की बोरियों से निकाले चावल को निकलता पुलिस कर्मी।अब यदि धान की सरकारी खरीद हुई तो चावल कहां से आएगा?इस तरह के मिल संचालक अब बिहार, यूपी और राजस्थान से सरकारी योजना के तहत BPL को दिए जाने वाले सस्ते चावल को वहां से खरीद कर दोबारा से FCI को दे देते है। BPL का चावल उन्हें बहुत ही सस्ते दाम पर मिल जाता है। इस तरह से बिना कुछ किए, राइस मिलर्स यहां भी सात से आठ सौ रुपए की काली कमाई कर लेता है। BG ओवरसीज में जो बिहार का धान मिला, वह इसी घोटाले को अंजाम देने के लिए मंगाया गया था।सरकार को होता है जबरदस्त नुकसानक्योंकि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च करती है। सस्ता राशन भी इसी योजना का हिस्सा है। लेकिन गरीब की थाली में जो निवाला सरकारी मदद से जाना चाहिए था, वह मदद सीधे राइस मिलर्स की जेब में जा रही है।DFSC विभाग द्वारा जारी की गई इंस्पेक्टर गौरव अरोड़ा के सस्पेंड ऑडर की काॅपी।कौन कौन हो सकते हैं इस गड़बड़ी में शामिलखाद्य आपूर्ति विभाग मंडी कमेटी के किसी ने किसी अधिकारी की मिलीभगत के बिना यह घोटाला संभव ही नहीं है। इसके बाद आढ़ती भी इसमें शामिल रहता है। इस तरह से एक पूरा तंत्र इस भ्रष्टाचार में लिप्त है।क्या इस पर रोक लग सकती है?कम से कम जिस तरह से करनाल में एक के बाद एक घोटाला सामने आ रहा है, इससे तो नहीं लगता कि स्थानीय अधिकारी इस पर रोक लगाने की दिशा में कुछ कर पाएंगे। जुंडला में जहां धान खरीद में 12.77 करोड़ का घोटाला हुआ, वहां दो दिन बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए, इंस्पेक्टर गौरव व सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार को सस्पेंड किया गया। जबकि कायदे से होना तो यह चाहिए था कि पहले ही दिन उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होती।DFSC विभाग द्वारा जारी की गई सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार सस्पेंड ऑडर की कॉपी।वीरवार को ही लिखा था DFSC ने विभाग को पत्रबादे की वीरवार को ही DFSC अनिल कालड़ा ने वीरवार को जुंडला अनाज मंडी से इंस्पेक्टर गौरव अरोड़ा को हटाया गया था। जबकि इंस्पेक्टर सहित तीन लोगों के खिलाफ विभाग को कार्रवाई लिए पत्र लिखा था। इस पत्र से हुआ ये कि शुक्रवार देर शाम को इंस्पेक्टर गौरव व सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार को विभाग द्वारा सस्पेंड कर दिया और दोनों को मुख्यालय में आने के आदेश जारी कर दिए।वर्जनCM फ्लाइंग DSP अजीत सिंह ने बताया कि शुक्रवार को शिकायत के आधार पर असंध के 5 राइस मिलों में छापेमारी की गई। जिसमें 2 राइस मिलों में गडबड़ सामने आई थी। बाकि मिलों की अभी टीम जांच चल रही है। दोनों मिलों के मालिकों पर खिलाफ FIR दर्ज करवाने की शिकायत असंध पुलिस को दे दी गई है। अगर अन्य तीन मिलो में गडबड़ मिलती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।