3 मैदान बनकर तैयार,कबड्डी और वॉलीबॉल का प्रशिक्षण शुरू;माहिर खिलाड़ी दे रहे ट्रेनिंग
लुधियाना: सेंट्रल जेल लुधियाना में अक्सर लड़ाई होना, मोबाइल मिलना व नशीले पदार्थ सप्लाई होना जैसे समाचार अक्सर लोगों को सुनने और पढ़ने को मिलते रहे है। अब लुधियाना जेल का माहौल बदलने लगा है। जेल में अब अपराधी नहीं खिलाड़ी तैयार हो रहे है। इन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण बेहतरीन कोच दे रहे है। जो कबड्डी के खिलाड़ी किसी न किसी मामले में जेल में बंद है वह बाकी के कैदियों को कड्डी की ट्रेनिंग दे रहे हैं।लुधियाना केन्द्रीय जेल में बने नए मैदान में कबड्डी खेलते कैदी।वहीं कैदियों को नशा से दूर रहने के लिए जेल प्रशासन प्रेरित कर रहा है। खेलों में भाग लेने के कारण अब जेल में बंद बंदियों को शारीरिक रूप से फिट रखने और खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है। बंदियों में खेल भावना जागरूक की जा रही है।कबड्डी खेलते कैदी।वॉलीबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी और कैरम बोर्ड प्रतियोगिताएं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब जेल के मैदान में भी कबड्डी-कबड्डी की आवाजें सुन रही है और बंदी इसका पूर्ण लाभ ले रहे है।इस तरह की खेलों से न केवल बंदियों को स्वस्थ रखा जाएगा। वहीं उनकी ऊर्जा का उपयोग करने और उन्हें गतिविधियों में शामिल होने पर बल दिया जाएगा। लुधियाना सेंट्रल जेल ने जेल के कैदियों के लिए रोजाना शाम को वॉलीबॉल और कबड्डी मैच शुरू किए हैं।लुधियाना सेंट्रल जेल के न्यू बैरक, केयू वार्ड और सेंट्रल हाटा समेत तीन वार्डों में तीन अलग-अलग कबड्डी मैदान तैयार किए गए हैं, जबकि सभी बैरक में वॉलीबॉल नेट लगाए गए हैं। साथ ही सभी कैदियों के लिए मॉर्निंग फिजिकल ट्रेनिंग (पीटी) भी शुरू कर दी गई है।केन्द्रीय जेल में वॉलीबॉल मैच खेलते कैदी।हर सुबह ठीक 9 बजे, सभी कैदी अपने बैरक से 20 मिनट पीटी के लिए बाहर आते हैं। वहां तैनात कर्मचारी सभी कैदियों की भागीदारी सुनिश्चित करते है। इसके अलावा, शाम 4 बजे से शाम 5 बजे तक कबड्डी और वॉलीबॉल खेली जाती है।लुधियाना सेंट्रल जेल के सुपरीटेडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़लुधियाना सेंट्रल जेल के सुपरीटेडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़ ने कहा कि लुधियाना जेल में हमारे करीब 4,300 कैदी हैं। वे समय-समय पर लड़ते रहते हैं और इसलिए उनकी ऊर्जा को सही मार्ग पर लगाना जरूरी है। हमने कैदियों के लिए रोजाना शाम के खेल शुरू किए हैं।हमने बीकेयू वार्ड, न्यू बैरक और सेंट्रल हाटा में कम से कम तीन कबड्डी मैदान तैयार करवाए हैं। साथ ही सभी बैरक में वॉलीबॉल नेट भी लगाए गए हैं। हर शाम इन बैरक के कैदी कम से कम एक घंटे तक खेलते हैं।सुपरीटेडेंट ने कहा कि कुछ समय बाद, हम अलग-अलग बैरकों के बीच मैच कराने की योजना बना रहे हैं ताकि उनमें खिलाड़ी की भावना पैदा हो सके। इसके अलावा, हमारे सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सब कुछ शांतिपूर्वक हो। इस तरह खेलों में यदि बंदी रुचि देंगे तो कही न कही उनके मन से अपराध की दुनिया से बाहर आने का मन बनेगा और एक अच्छे समाज का निर्माण होगा