नेशनल जेवलिन प्लेयर ने पुलिस की वर्दी में मर्डर करने जाना था, लुधियाना पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाई
लुधियाना: CIA-2 की गिरफ्त में आरोपी गुरमीत सिंह मीते।पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा आज लुधियाना पुलिस ने किया है। हत्याकांड में हथियार सप्लाई करने जा रही फॉर्च्यूनर कार में जो तीसरा व्यक्ति अज्ञात था उसकी पहचान हो गई। आरोपी गुरमीत सिंह मीते है।आरोपी बटाला का रहने वाला है। गुरमीत मीते ने मूसेवाला हत्याकांड में उसकी रैकी की थी। वहीं बता दें आरोपी गुरमीत सिंह मीते फॉर्च्यूनर कार में पुलिस की वर्दी रख कर ले जा रहा था। बताया जा रहा है कि आरोपी पहले नेशनल स्तर के जैवलिन खिलाड़ी रहा है।वहीं वह पंजाब पुलिस में भी सिपाही था। आरोपी 2014 में भर्ती हुआ था लेकिन 2020 में उसे डिसमिस कर दिया था। आरोपी नशा के सेवन करता था और डयूटी से गैरहाजिर रहता था जिस कारण उसे डिसमिस कर दिया था। आरोपी गुरमीत मीते चिट्टा का सेवन करने लगा था।आरोपी को लुधियाना पुलिस बटाला से प्रोडक्शन वारंट पर लाई है। आरोपी ने रिमांड दौरान ही खुलासे किए। हथियार सप्लाई मामले में पहले फॉर्च्यूनर से जिन दो लोगों की पहचान हुई थी उनमे सतवीर सिंह वासी अजनाला और गैंगस्टर मनप्रीत सिंह मनी रइया शामिल है। गुरमीत मीते की जग्गू भगवानपुरिया से काफी नजदीकियां थी जिस कारण आरोपी गुरमीत उनके गैंग का हिस्सा बन गया था। बता दें मूसेवाला हत्याकांड में अभी तक 24 लोग गिरफ्तार है जबकि बताया जा रहा कि इस मामले में 36 के करीब लोग नामजद है।पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला।मूसेवाला को मारने की थी कई प्लेनिंग थीबता दें सिद्धू मूसेवाला को मारने की लॉरेंस गैंग ने कई प्लानिंग की थी जिनमें शार्प शूटरों द्वारा मारने की प्लानिंग की कामयाब हुई। बताया जा रहा है कि लॉरेंस ने एक प्लानिंग यह भी बनाई थी कि मूसेवाला के घर नकली पुलिस कर्मचारियों की रेड करवाई जाए और इस दौरान फेक एनकाउंटर में मूसेवाला को मौत के घाट उतारा जाए।अब पकड़े गए गुरमीत मीते द्वारा पुलिस को किए खुलासे से पता चलता है कि उसने डिसमिस होने का बावजूद पुलिस वर्दी का गलत इस्तेमाल करना था और नकली पुलिस कर्मचारियों की मूसेवाला के घर रेड करके प्लानिंग को कामयाब करना था लेकिन मौके से पहले ही गोल्डी बराड़ ने ये प्लान बदल दिया था।CIA-2 के इंचार्ज बेअंत जुनेजा ने बताया कि गुरमीत सिंह उर्फ मीते को बटाला पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। गुरमीत मीते को प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया तो आरोपी ने माना की सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में उसने मूसेवाला की रैकी करते समय जिस पिस्टल के साथ वह मौजूद था वह पिस्टल और रौंद को आरोपी गुरमीत मीते की निशानदेही पर उसके गांव चक्क खासा कुलीया बटाला से बरामद कर लिए है।गोल्डी ने स्टैंडबॉय पर रखा थासिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के दिन मनी रइया भी घटनास्थल के आस-पास ही मौजूद था। गोल्डी बराड़ ने जग्गू भगवानपुरिया के खास मनी रइया, मंदीप तूफान और रंजीत को स्टैंडबॉय पर रखा था। इन्हें जगरूप उर्फ रूपा और मनप्रीत मन्नू को कवर देने के लिए कहा गया था।जेलों में रची गई हत्या की साजिशसिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की साजिश लॉरेंस ने तिहाड़ जेल में बैठकर रची। इसके बाद उसने बठिंडा और दूसरी जेलों में बैठे गैंगस्टर्स से संपर्क किया। इसमें मनप्रीत मन्नू, सराज मिंटू शामिल हैं। शार्प शूटर्स को मदद उपलब्ध करवाने का काम जेल में बैठकर ही गैंगस्टर्स ने अपने गुर्गों के जरिए किया। लॉरेंस तिहाड़ जेल में मोबाइल यूज कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि लॉरेंस ने कपूरथला जेल में किसी गैंगस्टर से बात की थी। वह गोल्डी बराड़ के टच में था।गोल्डी बराड़ ने गिनाई थी मूसेवाला के कत्ल की वजहें-सिद्धू हमारे विरोधियों के नजदीक था। उसने करण औजला के घर गोलियां चलवाई। अगर कोई उसके खिलाफ स्नैपचेट या अन्य कोई पोस्ट डालता था तो कुछ मिनट बाद जेल से फोन चले जाते थे कि पोस्ट क्यों डाली, तुझे मार देंगे। -विक्की मिड्डूखेड़ा और गुरलाल बराड़ के केस में पुलिस ने मनदीप धालीवाल और अर्श भुल्लर को राजा वड़िंग और सिद्धू मूसेवाला ने पेश करवाया था। उन पर छोटी धाराएं लगी। ज्यादा पूछताछ नहीं हुई। जमानत मिलने के बाद वह सिद्धू की बुलेटप्रूफ फॉर्च्यूनर में बैठे रहते थे। पुलिस ट्रैप लगाकर इंतजार करती थी कि अगर इन्हें मारने कोई लॉरेंस गैंग का बंदा आ गया तो उसका एनकाउंटर कर देंगे। -मिड्डूखेड़ा के कत्ल में नाम आने पर मूसेवाला ने एक टैटू बनवाया। जिसमें निज बल से राज लेने की बात थी और पिस्टल बना रखी थी। अगर किसी का केस में नाम आए तो वह सफाई देता है या टैटू बनवाता है। जो उसके गीतों में था, हमने वही सच किया। -सिद्धू शगनप्रीत के घर रहता था। शगनप्रीत मिड्डूखेड़ा का कत्ल करने वाले शूटर्स को अंबाला से लाया। फिर उन्हें अपने फ्लैट में रखा। अपने फोन से विक्की की फोटो दिखाई। फिर गाड़ियों में उनके साथ रहा।-लॉरेंस के कहने पर गुरलाल बराड़ ने म्यूजिक कंपनी खोली थी। गुरलाल के कत्ल से पहले अफसाना खान उन्हें मिली थी। गुरलाल ने सिद्धू के बारे में कोई बात कही तो यह बात सिद्धू तक पहुंच गई। इतनी देर में नवी खेमकरण का फोन आ गया और गुरलाल को धमकी दी गई। इसके बाद गुरलाल का कत्ल हो गया। यह बात हमें बाद में पता चली।