हनुमानताल का जल प्रदूषण के सी-ग्रेड तक आया, पीसीबी ने निगमायुक्त को भेजा नोटिस
जबलपुर। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर की शिकायत रंग लाई है। जबलपुर के ऐतिहासिक हनुमानताल का जल प्रदूषण के सी-ग्रेड तक आने की बात को गंभीरता से लेते हुए प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त को नोटिस भेजा है। इसके जरिये 15 दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा हाई कोर्ट व एनजीटी के पूर्व दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इसके तहत प्रतिमाह हनुमानताल के जल का नमूना लिया जाता है। ताजा परीक्षण के प्रदूषण सी-ग्रेड तक पहुंचने का तथ्य रिकार्ड हुआ। इससे साफ है कि हनुमानताल के चारों तरफ की बसाहट का गंदा पानी तालाब के जल का हाल-बेहाल कर चुका है। जाहिर तौर पर जल से आक्सीजन का स्तर कम होता जा रहा है। इससे जनजीवन को नुकसान की आशंका है। ऐसे में पर्यावरण अधिनियम व वाटर एक्ट के तहत कार्रवाई आवश्यक है। समाजसेवी रजत भार्गव, अधिवक्ता प्रभात यादव, अनीव चौधरी, राममिलन शर्मा सहित अन्य ने पीसीबी के नोटिस की सराहना की है।
पूर्व पार्षद धर्मेंद्र सोनकर की हत्या के आरोपित को जमानत नहीं : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार दांगी ने धर्मेंद्र सोनकर की हत्या के मुख्य आरोपित मोनू सोनकर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मामला गंभीर है, इसलिए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। अभियोजन के अनुसार 26 मार्च 2020 को भानतलैया निवासी धर्मेंद्र सोनकर अपने घर के सामने बैठकर खाना खा रहा था। तभी मोनू सोनकर अपने साथी सतीश चौधरी के साथ वहां पर पहुंचा। पुरानी रंजिश को लेकर मोनू ने धर्मेंद्र के सीने में गोली मार दी। इसके बाद उसने हत्या की नीयत से अंकित उर्फ अनिकेत गोंटिया पर भी फायर किया। गंभीर रूप से घायल धर्मेंद्र को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उसकी मौत हो गई। मोनू सोनकर की ओर से दायर जमानत में कहा गया कि इस मामले में सह आरोपियों को जमानत दी चुकी है। मामले के मुख्य गवाह अंकित ने भी घटना का समर्थन नहीं किया है। एजीपी संजय वर्मा ने तर्क दिया कि आरोपित के खिलाफ पुख्ता सबूत है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने मोनू सोनकर की जमानत खारिज कर दी है।