10 बजे से वोटिंग; खड़गे और थरूर के बीच है मुकाबाला; 19 को नतीजा
चंडीगढ़: शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच टक्कर है। दोनों में से एक दिल्ली में नए कांग्रेस प्रेजीडेंट की कुर्सी संभालेगा।इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC) के नए प्रेजीडेंट का आज चुनाव होना है। इसके लिए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की ओर से भी वोटिंग में हिस्सा लिया जाएगा। सुबह 10 बजे से यह वोटिंग शुरू होनी है। चंडीगढ़ से कुल 37 वोट जाएंगे। इस दौरान पूर्व रेल मंत्री एवं सीनियर कांग्रेसी नेता पवन कुमार बंसल भी वोट डालेंगे। सेक्टर 35 स्थित कांग्रेस भवन में यह वोटिंग होगी।जानकारी के मुताबिक देश भर में कांग्रेस की करीब 9,100 वोट्स तय करेंगी की कांग्रेस का अगला प्रेजीडेंट कौन होगा। इनमें से 9 हजार चुने हुए कांग्रेस मेंबर्स के वोट हैं जबकि बाकी स्थाई मेंबर्स के वोट शामिल हैं। 19 अक्तूबर को चुनाव का नतीजा आएगा। जानकारी के मुताबिक 80 वर्षीय खड़गे ने प्रचार को लेकर 14 राज्यों का दौरा किया था। वहीं दूसरी ओर 66 वर्षीय थरूर ने 10 राज्यों का दौरा किया। दोनों केंडीडेट्स ने अपने ढंग से वोटर्स को प्रभावित किया।प्रेजीडेंट पोस्ट के चुनाव में सीनियर कांग्रेसी लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला है। वहीं गांधी परिवार पहले ही ऐलान कर चुका है कि वह किसी केंडीडेंट को सपोर्ट नहीं कर रहा है। कांग्रेस वर्कस जिसे अपना नेता चुनना चाहेंगे उसे वोट करेंगे। वहीं सूत्र बतातें हैं कि ज्यादातर बड़े नेता खड़गे के समर्थन में हैं।दोनों केंडीडेट्स ने चंडीगढ़ में इलेक्शन एजेंट किए नियुक्तमल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर, दोनों उम्मीदवारों ने चंडीगढ में अपने अपने इलेक्शन एजेंट नियुक्त कर दिए हैं। यह पूरी मतदान प्रक्रिया के दौरान मतदान केन्द्र में मौजूद रहेंगे। वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। वोटिंग ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के सख्त दिशा-निर्देशों के तहत सीक्रेट बेलेट के जरिए होगी। AICC के खजांची पवन कुमार बंसल की वोट भी अहम रहेगी। इससे पहले AICC के प्रदेश रिटर्निंग अफसर एवं पोलिंग अफसर खिलारी लाल भैरवा भी चंडीगढ़ में चुनावों की सुपरविजन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने किए गए प्रबंधों का जायजा लिया था।सोनिया गांधी लंबे समय तक रही थी प्रेजीडेंटबता दें कि सोनिया गांधी वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2017 तक कांग्रेस की प्रेजीडेंट रही थी। इसके बाद राहुल गांधी को प्रेजीडेंट नॉमिनेट किया गया था। हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने यह कुर्सी छोड़ दी थी। जिसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम प्रेजीडेंट बनाया गया था। कांग्रेस के संविधान के मुताबिक प्रेजीडेंट का समयकाल 5 वर्ष का होता है मगर यह आगे एक्सटेंड होता रहता है।