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क्या महाराष्ट्र में फिर बदलने वाली है राजनीतिक फिजा ?

मुंबई। जब से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर भाजपा सहारे मुख्यमंत्री बने हैं तब से उनकी राह में कांटे ही कांटे नजर आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे नाम मात्र के मुख्यमंत्री हैं क्योंकि सारे फैसले भाजपा आलाकमान और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही लेते हैं. इस बीच 3 नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है और सीएम शिंदे को उम्मीद थी कि भाजपा ये सीट उनके लिए छोड़ देगी क्योंकि शिंदे खुद को असली शिवसेना मानते हैं और इस सीट पर शिवसेना विधायक के निधन के बाद उपचुनाव हो रहा है. मगर भाजपा ने ये सीट अपने खाते में कर ली. उधर शिंदे समेत 15 विधायकों की अयोग्यता वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और सूत्रों की मानें तो वो फैसला शिंदे के खिलाफ जा सकता है. ऐसे में शिंदे को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ सकता है. उधर शिंदे गुट के 31 विधायकों को ये उम्मीद है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया जायेगा लेकिन शिंदे गुट के चार-पांच विधायक ही मंत्री बन सकेंगे क्योंकि भाजपा ये कतई नहीं चाहेगी कि संख्याबल के हिसाब से कहीं अधिक मंत्री पद शिंदे गुट को दिया जाए. ऐसी परिस्थिति में शिंदे गुट में ही बगावत होने का भय भी सीएम शिंदे को सता रहा है. सूत्रों की मानें तो इन्ही सब कारणों से इन दिनों सीएम शिंदे अंदर ही अंदर व्याकुल हैं. इस बीच रविवार को ऐसे घटनाक्रम हो गए जिससे राजनीतिक गलियारों में ये खबर उड़ने लगी कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के  बीच में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल एक चर्चा इसलिए हो रहा है कि रविवार को मुंबई और ठाणे में एक-एक समारोह होने थे, दोनों कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उपस्थित रहना था, लेकिन दोनों साथ नहीं दिखे. दरअसल, सुबह 11 बजे राजभवन में स्टार्ट अप महाराष्ट्र के प्रोग्राम में सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस दोनों को आना था, लेकिन देवेंद्र फडणवीस कार्यक्रम में पहुंचे पर सीएम शिंदे नहीं आए. इसके साथ ही इस समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी उपस्थित थे. वहीं, दूसरा कार्यक्रम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपने शहर ठाणे में था. यह कार्यक्रम बंजारा समाज द्वारा आयोजित किया गया था, यहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों को सम्मानित किया जाना था. कहा जा रहा है कि ठाणे में होने के बावजूद सीएम एकनाथ शिंदे यहां समय पर नहीं पहुंचे. जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कार्यक्रम से भाषण कर जैसे ही निकले उसके फौरन बाद एकनाथ शिंदे वहां पहुंचे. इसलिए अब ये सवाल लोगों के जेहन में कोंध रहा है कि क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच सब कुछ ठीक चल रहा है? क्या महाराष्ट्र की राजनीतिक फिजा फिर बदलने वाली है ? बहरहाल ये तो आने वाला समय ही बताएगा