टेंडर घोटाले में जमानत याचिका खारिज; दूसरे केस में भी राहत नहीं, अब 19 को सुनवाई
चंडीगढ़: अनाज ढुलाई के टेंडर अलॉटमेंट घोटाले में फंसे पंजाब के पूर्व कांग्रेसी मंत्री भारत भूषण आशु की जमानत याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने आरोपी आशु को 16 अगस्त को उनके खिलाफ विजिलेंस द्वारा लुधियाना में दर्ज मामले में जमानत से इंकार कर दिया है।9 नवंबर को होगी लुधियाना में दर्ज अन्य मामले की सुनवाईइसके अलावा आरोपी भारत भूषण आशु को उनके खिलाफ 22 सितंबर को लुधियाना में ही दर्ज एक अन्य मामले में भी हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट ने उनकी इस FIR को रद्द करने के लिए लगाई याचिका पर सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। आरोपी आशु ने इस मामले में सोमवार को ही जमानत याचिका लगाई थी।आरोपी सन्नी भल्ला को किया था गिरफ्तारइससे पहले विजिलेंस ने आरोपी आशु के करीबी और कांग्रेस पार्षद गगनदीप सिंह सन्नी भल्ला को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। फिर 13 अक्तूबर को उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर उसका 2 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया था।पटियाला जेल में बंद हैं भारत भूषण आशुविजिलेंस ने ठेकेदार गुरप्रीत सिंह के बयान पर मामले में कार्रवाई की थी। गुरप्रीत ने कहा था कि लुधियाना की अनाज मंडियों में ढुलाई को लेकर गड़बड़ी हुई है। विजिलेंस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 16 अगस्त को अनाज ढुलाई घोटाले का केस दर्ज किया। इसके अगले ही दिन ठेकेदार तेलू राम को काबू किया गया और 22 अगस्त को सैलून में बाल कटवाते समय पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को गिरफ्तार किया था। आरोपी आशु फिलहाल पटियाला सेंट्रल जेल में बंद है।वाहनों पर लगाए थे फर्जी नंबरआरोपी आशु को विजिलेंस ब्यूरो ने 22 अगस्त को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस जांच में पता लगा था कि आशु के फूड एंड सप्लाई मंत्री रहते समय लुधियाना की मंडियों से अनाज ढुलाई के लिए ठेकेदारों को पहुंचाया गया था। विजिलेंस ब्यूरो ने भी दावा किया था कि अनाज ढुलाई में इस्तेमाल वाहनों के लिए स्कूटर और मोटरसाइकिल और कारों के फर्जी नंबरों का इस्तेमाल किया गया था।