भेंट-मुलाकात के लिए सीएम भूपेश बघेल जिला सक्ती रवाना, आरक्षण को लेकर भाजपा पर साधा निशाना
रायपुर। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज नवगठित जिला सक्ती के चन्द्रपुर विधानसभा के ग्राम मुक्ता के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री बघेल ने रायपुर के पुलिस लाइन हेलीपेड पर मीडिया से चर्चा में आरक्षण को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी आरक्षण खत्म कर रही है। वह नहीं चाहते हैं। 2005 से लेकर के 2018 तक थे तब क्या किए। दूसरी बात यह है कि आरक्षण देना ना पड़े उसके लिए जितनी भी सार्वजनिक उपक्रम उन सभी को बेच रहे हैं। बालको भी बिक गया है, भिलाई बिकने वाला है, नगरनार बिकने वाला है, रेलवे स्टेशन बिकने वाले हैं। उसमें भर्ती बंद कर दिए। एयर इंडिया बेच दिए। एयरपोर्ट बेच दिए। जब पद ही नहीं रहेगा तो आरक्षण का लाभ लोगों को कहां से मिलेगा। केंद्र सरकार ने भी भर्ती अभी बंद कर दी है और सार्वजनिक में नौकरी मिलती थी, वह भी बंद कर दिए। आरक्षण का लाभ अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, महिला को ना मिले इसके लिए वह सब खत्म कर रहे हैं।
रमन सिंह के चुनाव लड़ने पर
पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के राजनांदगांव से चुनाव लड़ने को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह बैठे-बैठे वही करते हैं। कहीं जाते नहीं है। कहीं बुलाते नहीं है। इसलिए बैठे-बैठे बयान दे देते हैं और इस तरह के सवाल मुख्यमंत्री से पूछ लो तो वायरल हो जाएगा उसी उद्देश पर रमन सिंह रहते हैं।
आरक्षण को लेकर विशेष सत्र पर सीएम बघेल का बयान
कॉन्टिफाई वाला डाटा हमने पटेल आयोग गठन किया बहुत जल्दी उसका रिपोर्ट आने वाला है और हाईकोर्ट में पिछले समय गए थे तब भी यह बात आई थी आप तो यह बात आई थी क्या आरक्षण का आधार क्या है तो जब तक यह 25 का डाटा हमको मिलेगा नहीं तो आधार क्या बताएंगे। उसका आधार बताने के लिए पांच वाला डाटा बहुत जरूरी है, ताकि हम ईडब्ल्यूएस, पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति को भी दे सकें। जनजाति और उनसे जाति का जनसंख्या के आधार पर करना है ईडब्ल्यूएस के लिए 10% तक ही दे सकते हैं हमारे पास डाटा नहीं होगा हम कैसे करेंगे। पिछड़ा वर्ग हो या अपर क्लास के गरीब वर्ग के हो जिस को आरक्षण देना है उसको कैसे करेंगे।
देश में लगातार रुपए कमजोर होने पर बोले मुख्यमंत्री
केंद्र सरकार ने इस पंचवर्षीय में ऐसी कोई अच्छी योजना इस देश में नहीं लाया गया। पिछले पंचवर्षीय में नोटबंदी और जीएसटी लाया गया जिसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है। जीएसटी के कारण से महंगाई और नोट बंदी के कारण बेरोजगारी दोनों बढ़ा है। देश में किसान और नौजवान दोनों परेशान हैं।