सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या 35% बढ़ी, इसमें 80 फीसद बच्चे
भोपाल: मध्यप्रदेश में सप्ताहभर से मौसम हर पल बदल रहा है। एक सप्ताह पहले तक प्रदेश भर में जमकर बारिश हो रही थी, लेकिन फिर यह एकदम से बंद हो गई। ऐसे में मौसम बदला और धूप निकलने के साथ सुबह और शाम को मौसम में ठंडक घुल गई। इससे कई तरह के बीमारी फैलाने वाले वायरस पनपने लगते हैं। इससे सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं।जेपी और हमीदिया अस्पताल में एक सप्ताह में मरीजों की संख्या 35% से ज्यादा बढ़ गई। जेपी में एक सप्ताह पहले तक रोजाना करीब 1200 मरीज आ रहे थे। इनमें से करीब 90-100 मरीज सर्दी, जुकाम और बुखार के थे, जो अब 120 से 130 तक पहुंच गई है। मरीजों की कुल संख्या 1200 से बढ़कर 1500 पहुंच गई है। डॉक्टरों की माने तो मानसून के बाद ठंडक होने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस कारण सर्दी, जुकाम के मरीज बढ़ जाते हैं। यही हालात हमीदिया अस्पताल में भी हैं। यहां पहुंचने वाले मरीजों में 70% बच्चे हैं।अब फिर से मौसम बदलने लगा है। बंगाल की खड़ी में बने सिस्टम के कारण महाराष्ट्र से सटे इलाकों में हल्की बारिश हो रही है। प्रदेश भर में नमी आने से रात का पारा एक बार फिर चढ़ गया है।हमीदिया में मरीज की संख्या 1900 से 3200 तक पहुंचीसात दिन पहले तक भोपाल के हमीदिया अस्पताल की जनरल ओपीडी में 1900 मरीज हर दिन आ रहे थे। इनमें से करीब पौने 300 मरीज सर्दी, जुकाम और बुखार के थे। अब इनकी संख्या 1900 से बढ़कर 3200 पहुंच गई है। सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या में पौने 300 से बढ़कर 450 से ज्यादा हो गई है।एसी कूलर से बचेंगांधी मेडिकल की एचओडी डॉक्टर सिम्मी दुबे ने बताया कि पल-पल मौसम बदलने के कारण शरीर उस हिसाब से ढल नहीं पाता है। इससे वायरल होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्मी में से आने पर ठंडा पानी पीने से सर्दी-जुकाम आसानी से पकड़ लेता है। इस दौरान एसी और कूलर का इस्तेमाल करना भी खतरनाक है।ठंडक में बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएंमेडिसन एक्स्पर्ट डॉक्टर रवि पटेल ने बताया कि इस मौसम में खासतौर पर ठंड से बचना चाहिए। बच्चों को ठंडी और पैक्ड फूड न खाने दें। उन्हें ज्यादा देर तक पानी में रहने से बचाएं। उन्हें फुल कपड़े पहनाएं, ताकि मच्छर आदि न काट पाएं। ताजा और मौसम के बदलाव के अनुसार खाना दें। यही रूटीन सामान्य तौर पर सभी को रखना चाहिए।सप्ताहभर इसी तरह मौसम में उतार-चढ़ाव रहेगामौसम विभाग के अनुसार अभी एक सप्ताह तक इसी तरह मौसम में बदलाव होता रहेगा। बीते चौबीस घंटों के दौरान सामान्य तापमान में बढ़ोतरी हुई है, जबकि इसके पहले यह सामान्य से 3 से 4 डिग्री तक नीचे चले गए थे। एक सप्ताह के दौरान दिन और रात के तापमान में इसी तरह उतार-चढ़ाव रहेगा।दो साल से अक्टूबर में ही ठंड आने लगीमध्यप्रदेश में 14 अक्टूबर को मानसून मी विदाई हो गई। अब पोस्ट मानसून का सीजन शुरू हो गया है। पाकिस्तान से आने वाली हवाओं और मौसम से नमी खत्म होने से ठंड होना शुरू हो जाता है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि अभी दिवाली तक इसी तरह मौसम बना रहेगा। रात को हल्की ठंड और दिन में सूरज की तपिश हल्की गर्मी का एहसास कराएगा। 18 और 19 अक्टूबर को दक्षिण भारत में बारिश होगी। इससे नमी मध्यप्रदेश तक आएगी, लेकिन बारिश नहीं होगी। सिर्फ जबलपुर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। बीते 10 साल में सबसे ज्यादा बारिश वाला अक्टूबर रहा। साल 2013 में अक्टूबर में 4 इंच बारिश हुई थी।बारिश का पैटर्न बदलाअब मानसून की एंट्री के बाद कुछ ब्रेक सा लग जाता है। ऐसे में जुलाई में भी बहुत ज्यादा बारिश नहीं हो रही है। बीते दो साल से अगस्त और सितंबर भी सबसे ज्यादा बारिश यानी कोटे का 70% से 80% पानी गिरता है। वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि पहले इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में ज्यादा बारिश होती थी, लेकिन कम बारिश वाले बघेलखंड, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल ज्यादा तरबतर होने लगे हैं। यह सीधे-सीधे मौसम के बदलाव के कारण हो रहा है।