सूर्यास्त पर मोक्ष का समय 5:39 बजे; डीसी ने लिया तैयारियों का जायजा
कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण मेले की तैयारियों का जायजा लेते डीसी और एसपी।हरियाणा की धर्म नगरी कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण का स्पर्श 25 अक्टूबर को सायं 4 बजकर 27 मिनट पर होगा और सायं 5 बजकर 39 मिनट सूर्यास्त पर मोक्ष का समय होगा। इस दौरान कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर, ज्योतिसर तीर्थ और पिहोवा तीर्थ सहित अन्य सरोवरों में लगभग 5 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। देश भर से महान साधु संत भी शाही स्नान को पहुंचेंगे। इन संतों के लिए युधिष्ठिर घाट पर शाही स्नान की व्यवस्था की गई है। प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार के पुख्ता इंतजाम किए गए है।ब्रह्म सरोवर पर स्नान को लेकर सारी तैयारी पूर्ण कर ली गई है।डीसी शांतनु शर्मा रविवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पर सूर्य ग्रहण मेले को लेकर की जा रही तैयारियों का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके साथ एसपी सुरेंद्र भौरिया, एएसपी कर्ण गोयल ने अंतिम तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर के आस-पास की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एचसीएस अधिकारी, 6 से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए बिजली, पीने के पानी, शौचालयों की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अन्य प्रकार के इंतजाम कर दिए गए है। सूर्य ग्रहण मेले में भीड़ पर नियंत्रण रखने और सुरक्षा मुहैया करवाने के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने पर पुलिस का फोकस रहेगा। इसलिए मेला क्षेत्र को 20 सेक्टरों में बांटा गया है। इसके अलावा पिहोवा, ज्योतिसर में भी पुलिस फोर्स की नियुक्ति की गई है। इस मेले में तकरीबन 3500 पुलिस कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है।कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण को लेकर की रही तैयारियों के बीच सफाई करते कर्मचारी।डीसी शांतनु शर्मा ने कहा कि सूर्य ग्रहण मेले में संयुक्त रूप से हैल्प डेस्क बनेंगे, विभिन्न जगहों पर रीसैप्शन सेंटर, केडीबी के सभागार में मीडिया सेंटर, हजारों लोगों के लिए मेला क्षेत्र में सोने की व्यवस्था, ब्रह्मसरोवर की सदरियों तथा धर्मशालाओं में लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। पीने के पानी के लिए पानी के टैंकर और कैम्परों की व्यवस्था की गई है।मोबाईल शौचालय, लाइटिंग, पार्किंग, बचाव टीमों, मेडिकल कैंप, फायर फाईटिंग और मेजर नाका पाइंट सहित तमाम प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है। सूर्य ग्रहण मेले को लेकर छोटे से छोटे पहलू को जहन में रखकर तैयारी की गई है।