देश के टॉप 10 सिटी प्रदूषित शहर में तीन उत्तर प्रदेश के शामिल; लखनऊ में बीते 3 सालों से भी ज्यादा प्रदूषित हुआ शहर
लखनऊ: इस बार फिर से दीपावली की रात खूब आतिशबाजी हुई। फिलहाल 25 अक्टूबर की सुबह लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 182 पर है। जो कि सामान्य रूप से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। राजधानी लखनऊ का कुकरेल क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा जहां पर 203 AQI लेवल है। यूपी के तीन शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित रिकॉर्ड किए गए हैं।टॉप 10 सिटी में दूसरे नंबर पर मुरादाबाद, गाजियाबाद पांचवे नंबर पर और नोएडा नौवें नंबर पर इस बार AQI लेवल में आया है।तेज हवा भी रही असरदारराजधानी लखनऊ में तेज हवा ने भी पीएम 2.5 और पीएम 10 के कणों को जमने नहीं दिया। चल रही तेज हवाओं की वजह से राजधानी समेत कई जिलों में प्रदूषण में कमी आई है। वहीं इस बार ग्रीन पटाखों की बिक्री भी प्रदूषण कम करने में सहायक रही।साल 2020 दीपावली में AQI 300 को पार कर गया था। इस बार यह आंकड़ा कम रहने का मुख्य कारण खुलेआम पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध होना ही बताया जा रहा है।सर्दी के साथ और बढ़ सकता है प्रदूषण- मौसम वैज्ञानिक जेपी गुप्ता का कहना है, ”सर्दी में इसलिए प्रदूषण बढ़ता है, क्योंकि लोग पॉलीथीन के साथ-साथ दूसरी चीजों को भी जलाते हैं। इसकी वजह से धुएं के रूप में धुंध वातावरण में फैल जाती है।- ऐसे में जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, वैसे-वैसे धुंध की वजह से और ज्यादा प्रदूषण हो सकता है। साथ ही गाड़ियों और फैक्ट्री का धुआं भी हवा को जहरीला बनाने का काम करता है।- वहीं, कन्स्ट्रक्शन का काम भी बहुत होता है, जिसकी वजह से धूल हवा में मिलकर उसे जहरीली बना देती है।ये सावधानी जरूर बरतें- प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले पॉलीथीन और टायर जैसी चीजें बिल्कुल न जलाएं।- ऐसी जगह पर न जाएं, जहां बहुत ज्यादा धुंध है। घर से बाहर मास्क एन-95 लगाकर निकलें।- अस्थमा और अलर्जी के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।- सांस और दिल की बीमारी वाले लोग अपना विशेष ध्यान रखें। डायबिटीज और एचआईवी के मरीजों को भी खास सावधानी रखनी चाहिए।