छत्तीसगढ़।पिछड़े सुदूर इलाके में पैर पसार कर अब धर्मांतरण कि आंच शहर तक पहुंच रही, कोचिंग सेंटर में धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को संचालित करने का मामला भाटापारा में भी सामने आया
भाटापारा।देश में जबरन धर्म परिवर्तन एक गंभीर मसला बन गया है. कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर कानून जरूर बनाए हैं, लेकिन अब ये मामला सिर्फ कुछ राज्यों तक सीमित नहीं रह गया है. इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट से भी अपील की गई है कि इस जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक सख्त कानून बनाया जाए।
लालच देकर जबरन धर्मांतरण की खबर छत्तीसगढ़ से रोजाना मिल रही है। धर्मांतरण छत्तीसगढ़ में लगातार अपने पैर पसार रहा है,पहले बस्तर, सरगुजा जैसे पिछड़े इलाकों में अपनी पैठ जमाने के बाद अब धर्मांतरण की टीम शहरों में भी अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 80 किलोमीटर दूर भाटापारा में भी धर्मांतरण बड़ी तेजी से होने की खबर मिल रही है। हालांकि कानूनी तौर पर इसकी शिकायत बहुत कम ही मिलती है।
भाटापारा नागरिकों एवम वार्ड पार्षदों के अनुसार भाटापारा के 6 से 7 वार्ड इससे काफी प्रभावित होते नजर आ रहे है।
शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला भाटापारा के परशुराम वार्ड में भी नजर आया जहां इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी के नाम से चल रहे कोचिंग सेंटर के संचालक आर के चौहान द्वारा दो-तीन वर्षों से धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को संचालित किया जा रहा था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भाटापारा इकाई के विद्यार्थियों द्वारा कुछ समय से इस पर नजर रखी जा रही थी, क्रिसमस डे पर कुछ वीडियो और धर्म परिवर्तन संबंधित गतिविधियों का प्रमाण मिलने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, वार्ड पार्षद की टीम कोचिंग सेंटर में जाकर संचालक आरके चौहान की गतिविधियों से उसे रूबरू कराते हुए सख्त हिदायत दी कि अगर भाटापारा में इस प्रकार की गतिविधियां संचालीत हुई तो कानूनी कारवाही करवाई जाएगी। कोचिंग सेंटर संचालक आर के चौहान द्वारा कबूला गया कि मैं क्रिश्चियन धर्म से विगत चार-पांच वर्षों से प्रभावित हूं, रोज चर्च भी जाता हूं और क्रिसमस डे वाले दिन मैं बाइबल तथा क्रिश्चियन धर्म के बारे में युवाओं को बता भी रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा मैं किसी भी प्रकार से विद्यार्थियों को भ्रमित करने का प्रयास नहीं करूंगा जिसके बाद उसे समझाइश देकर छोड़ दिया गया।