हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सेवानिवृत्त अफसर को नहीं मिला गे्रच्युटी व देयक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन सहकारी संघ से सेवानिवृत्ति के बाद भी अफसर का विभागीय जांच पूरा नहीं हुआ। इस मामले में कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया गया। प्रकरण में दायर अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य विपणन संघ के महाप्रबंधक को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। राज्य विपणन सहकारी संघ से सेवानिवृत्त हुए अशोककुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता सोमनाथ वर्मा व रितेश वर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की है।
इसमें बताया गया है कि याचिकाकर्ता इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। साल 2013 में शिकायत व गड़बड़ी के मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच हुई। इस बीच तीन साल तक विभागीय जांच लंबित रहा। तभी याचिकाकर्ता वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हो गए। तब विभागीय जांच विचाराधीन था। इसके चलते विभाग ने उनकी ग्रेच्युटी सहित अन्य देयक राशि का भुगतान रोक दिया। इस बीच याचिकाकर्ता ने विभागीय जांच शीघ्र पूरा करते हुए अपने सभी देयकांे का भुगतान करने की मांग भी की।
लेकिन, विभागीय अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। तब परेशान होकर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें सिविल सेवा नियम सहित अन्य दिशानिर्देशों का हवाला दिया गया। इस प्रकरण की सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकलपीठ ने राज्य विपणन सहकारी संघ के महाप्रबंधक को याचिकाकर्ता के प्रकरण का चार माह में निराकरण करने का आदेश दिया था।
लेकिन, तय समय बीत जाने के बाद भी सेवानिवृत्त अफसर के विभागीय जांच व देयकों का अब तक निराकरण नहीं किया गया है। इसके चलते उन्होंने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में राज्य विपणन संघ के महाप्रबंधक हिमशिखर गुप्ता को पक्षकार बनाया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने महाप्रबंधक गुप्ता को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।