अनलाक होते ही बड़े शहरों की बिजली मांग 10 फीसद बढ़ी
इंदौर। जून से अनलाक का दौर प्रारंभ होने से मिली छूट में व्यापार, व्यवसाय एवं अन्य गतिविधियों में तेजी से बिजली की मांग में भी उछाल देखने को मिला है। बिजली की मांग में दस दिनों के अंतराल से दस फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है। इंदौर शहर में बिजली की मांग 84 लाख यूनिट प्रतिदिन से बढ़कर 93 लाख, उज्जैन में 11 लाख से बढ़कर 13 लाख, रतलाम में सवा पांच लाख से छः लाख एवं देवास में साढ़े चार लाख से बढ़कर सवा पांच लाख यूनिट हो गई है।
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान इन चारों शहर में ही बिजली मांग 1 करोड़ बीस लाख यूनिट के करीब रही। वहीं कंपनी क्षेत्र में मांग पिछले चौबीस घंटों में 6 करोड़ 51 लाख यूनिट रही, दस दिन पहले यह मांग 6 करोड़ 10 लाख यूनिट के करीब थी।
51 बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों को उच्च वेतनमान
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर के निर्देशानुसार बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों को नो वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर उच्च वेतनमान स्वीकृत किया गया है। इन 51 कार्मिकों को अब प्रतिमाह दो से लेकर दस हजार तक का आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। मप्रपक्षेविविकं के मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर ने बताया कि नौ असिस्टेंट इंजीनियरों को एक्जिक्यूटिव इंजीनियर का वेतनमान मंजूर किया गया है।
इसी तरह सात परीक्षण सहायक को सुपरवाइजर का, एक सिक्यूरिटी गार्ड को सब इंस्पेक्टर का, तीन असिस्टेंट इंजीनियर को सुप्रीडेंटेंट इंजीनियर का, दो को आफिस असिस्टेंट से सेक्शन आफिसर का, 10 को जूनियर इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर का वेतनमान प्रदान किया गया है। टैगोर ने बताया कि आठ असिस्टेंट मैनेजर आईटी को मैनेजर आईटी का, आठ असिस्टेंट मैनेजर एचआर को मैनेजर एचआर का, तीन असिस्टेंट ड्राफ्टमेन को ड्राफ्टमेन का वेतनमान स्वीकृत किया गया है। मुख्य महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया हैं कि तय समय बाद इन कार्मिकों का मात्र वेतनमान मंजूर किया गया है, इसका पदोन्नति या उच्च पद की पात्रता से कोई संबंध नहीं है।