ऊर्जा मंत्री ने दो दिन पहले अस्वस्थ्य होने का ट्वीट किया, उसके बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आए
ग्वालियर। अपने ही लोगों के हमले से परेशान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ट्वीट कर लोगों को बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इस ट्वीट से लोग सकते में आ गए। इसके बाद मुख्यमंत्री से लेकर कई नेताओं ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामान की। इस ट्वीट के चंद घंटे बाद ही ऊर्जा मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आए और शुक्रवार से फिर सक्रिय हो गए। अब ऊर्जा मंत्री के अस्वस्थ होने के ट्वीट के राजनीतिक कारण तलाशे जा रहे हैं। भाजपा नेता पार्टी में चल रहे इस द्वंद को लेकर खामोश हैं।
ऊर्जा मंत्री व जिले के कोविड प्रभारी प्रद्युम्न सिंह तोमर को लगातार अपने ही पार्टी के विरोध करने वालों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे पहले पूर्व साडा अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह ने मीडिया को एक बयान जारी कर हमला बोला। उसके बाद पूर्व जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा रात में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलने से नाराज होकर ऊर्जा मंत्री के सरकारी बंगले के सामने चादर बिछाकर लेट गए। इस मामले का पटाक्षेप होने के दूसरे दिन पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने बगैर नाम लिए मुख्यमंत्री को ट्वीट कर उन पर हमला बोला। इसके बाद सिविल हास्पिटल के बाहर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताआें का धरना और चिकित्सक का अपनी परेशानी बताते हुए इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। कोरोना संक्रमण के बीच भाजपा में चली इस राजनीतिक ड्रामेबाजी पर कांग्रेसी भी चुटकी लेने से नहीं चूके।
ऊर्जा मंत्री का अस्वस्थ होने का ट्वीट आयाः इस विरोध के बीच ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के अस्वस्थ होने का ट्वीट आया। ट्वीट के छह घंटे बाद ही ऊर्जा मंत्री क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में मौजूद थे। दूसरे दिन पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल के आइसोलेशन सेंटर के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। शनिवार को पीपीई किट पहनकर कोरोना संक्रमितों से मुलाकात की। ऊर्जा मंत्री के नजदीकी लोगों ने बताया कि उन्हें केवल थकान महसूस हुई थी। जिसके कारण वह पांच-छह घंटे आराम करने के लिए गए थे।
ट्वीट पर लगाए जा रहे राजनीतिक कयासः इस ट्वीट को लेकर राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं। स्पष्ट रूप से पार्टी के लोग भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन यह तय है कि पार्टी में विरोध के स्वर फूट रहे हैं। प्रदेश नेतृत्व आंतरिक रूप से डैमेज कंट्रोल का प्रयास कर रहा है।