संक्रमण की चेन तोड़ने को सैनिटाइजर का छिड़काव
छुईखदान। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें। नगर पंचायत के वार्ड तीन के पार्षद पन्नाा मंडावी ने वार्ड की सभी गलियों को सैनिटाइज करवाया। साथ ही नालियों की साफ-सफाई कराई। पार्षद पन्नाा मंडावी ने कहा कि तेजी से फैल रहे संक्रमण से वार्ड के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वार्ड के सभी गलियों को सैनिटाइज कराया जा रहा है। ताकि गंदगी के कारण संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे।
घरों को भी करे रहे सैनिटाइज
गलियों के साथ-साथ घरों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। पार्षद पन्नाा मंडावी ने कहा सफाईकर्मी रोजना नालियों की सफाई कर रहे हैं। नालियों से निगलने वाले कचरों को तत्काल मौके से उठाया जा रहा है। पार्षद ने वार्ड में मच्छरों की तादाद को रोकने सीएमओ से दो बार फागिंग कराने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी को आवश्यक रूप से सुरक्षित रहने का समय है। सभी अपने घरों में रहे एवं अति आवश्यक होने पर ही बाहर निकले। कोविड गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करें, मास्क पहनने, नियमित हाथों को साबुन से धोएं, भीड़ में जाने से बचे, शारीरिक दूरी का पालन करें।
जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ने नहीं दिया ध्यानः भिज्ञेश
गंडई-पंडरिया। वार्ड एक के पार्षद भिज्ञेश यादव ने नगर पंचायत की सत्ता पर काबिज जनप्रतिनिधि पर जोरदार हमला बोला है। पार्षद यादव ने कहा कि नगर मे कोरोना की दूसरी लहर में काफी लोग प्रभावित हुए हैं। इलाज के लिए लोगों को काफी भटकना पड़ा। कई लोगों ने इलाज के अभाव में दम भी तोड़ दिया। इसके बावजूद नगर पंचायत गंडई की सत्ता मे काबिज जनप्रतिनिधि की सक्रियता नजर आ रही है। वार्डो के लिए अध्यक्ष की दूरदृष्टि नहीं दिखी। वार्डो में न तो घर-घर कोरोना जांच हुई है और न ही टीकाकरण की स्थिति ठीक है। बेहतर स्वस्थ्य के लिए नपं अध्यक्ष ने जागरुकता का भी प्रयास नहीं किया। नगर के किसी भी डा. से विस्तृत चर्चा करके रोडमैप भी तैयार नहीं की गई। भिज्ञेश यादव ने कहा बताया कि गंडई की 20 हजार की आबादी में नगर के प्रथम नागरिक उपस्थिति हमेशा शून्य रही है। सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र गंडई मे हेल्प डेस्क की स्थापना भी नहीं की गई। यदि ऐसा किया जाता तो वार्डो की जानकारी भी मिलती। अध्यक्ष की गलत नीति से निकाय की आर्थिक हालत काफी खराब है। सफाई कर्मचारियों को दो माह का वेतन भी नहीं मिल पाया है। ताजा मामले मे अध्यक्ष द्वारा बिना प्रक्रिया के आक्सीजन सिलिंडर शासकीय अस्पताल गंडई में देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जो की गलत है। पूरे छत्तीसगढ़ मे आक्सीजन के अभाव से मौत हो रही है। ऐसे मे बिना प्रक्रिया के अस्पताल में आक्सीजन सिलिंडर दिलवाना गंभीर चूक साबित हो सकता है।