72 घंटे पहले की रिपोर्ट दिखाने यात्रियों की भी दर्ज हो रही जानकारी
बिलासपुर।जोनल स्टेशन में आने वाले यात्रियों की संख्या अब प्रतिदिन 300 के करीब पहुंच गई है। भीड़ कम होने से जांच में बिना भीड़ के आसानी हो रही है। जांच के दौरान प्रतिदिन संक्रमित भी मिल रहे हैं। इनकी 10 से अधिक रहती है।
वहीं 72 घंटे पहले रिपोर्ट लेकर पहुंचने वाले यात्रियों की पूरी जानकारी भी दर्ज की जा रही है। ताकि उनका भी रिकार्ड रहे। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मरने वाले लोगों का भी आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। जोनल स्टेशन में यात्रियों की जांच हो रही है। हालांकि यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए 72 घण्टे की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है।
ट्रेनों में वहीं यात्री सफर कर रहे हैं जिनको जाना बेहद जरूरी है। इस वजह ट्रेन व प्लेटफार्म में सन्नाटा भी रहता है। ट्रेन में यात्रियों की संख्या कम होने के कारण कोच भी खाली हो चुके हैं। स्टेशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गेट गेट नम्बर चार पर तैनात है। यात्री इसी गेट से बाहर निकलते हैं। डेढ़ माह पहले 2000 से अधिक यात्रियों की जांच में 60 से अधिक यात्री की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव निकल रही थी।
अब यात्रियों की संख्या घटकर 300 के करीब पहुंच गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रतिदिन 300 से अधिक यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग एवं एंटीजन टेस्ट भी कर रही है, जिसमें 10 से अधिक यात्री पाजिटिव मिल रहे हैं। इसके साथ ही 72 घंटे पहले रिपोर्ट लेकर पहुंचने वाले यात्रियों के नाम, पता के साथ उनके संबंधित स्थान पर रहने की तिथि व अन्य जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ले रही है, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो सके।
जांच के बाद मोबाइल पर नहीं पहुंच रही रिपोर्ट
रेलवे स्टेशन के गेट नम्बर 4 पर थर्मल स्क्रीनिंग के साथ एंटीजन टेस्ट भी हो रहा है। इसमें जांच कराने वाले यात्रियों के नाम और मोबाइल नम्बर भी लिए जा रहे हैं। टीम तत्काल रिपोर्ट देने के बजाय उन्हें मोबाइल नम्बर पर निगेटिव व पाजिटिव रिपोर्ट मैसेज करने की जानकारी तो दे रही है, लेकिन रिपोर्ट से संबंधित यात्रियों तक नहीं पहुंच पा रही है।
50 फीसद ही दिखा रहे हैं रिपोर्ट
जोनल स्टेशन में स्वास्थ्य विभाग के जांच प्रभारी डाक्टर मनीष सिंह का कहना है कि यात्रियों की संख्या पहले से काफी कम हो चुकी है। आरटीपीसीआर के अलावा 72 घंटे पहले की रिपोर्ट को सभी जगह जरूरी किया गया है। इसमें 50 फीसदी यात्री अपनी रिपोर्ट दिखा भी रहे हैं। पर यात्रा के बाद कम से कम सात दिन होम आइसोलेट होना जरूरी है। सावधानी के मद्देनजर यह बेहद आवश्यक भी है।