डाक्टर ने नशीली दवा देने के लिए बनाया था कोडवर्ड
बिलासपुर। कोरमी में नौ लोगों की मौत के बाद आरोपित डाक्टर की करतूत एक-एक कर सामने आती जा रही है। डाक्टर ने नशा करने के लिए देने के लिए कोडवर्ड बनाया था। नशेड़ी इसे टानिक के नाम से मांगते थे। आरोपित ने पुलिस से बचने के लिए यह तरीका अपनाया था।
कोरमी में हैम्योपैथी के डाक्टर एसआर चक्रवर्ती नशीली दवा आसानी से नहीं देता था। इसके लिए उसने बाकायदा कोडवर्ड तैयार कर लिया था। लाकडाउन के दौरान उसके पास नशीली दवा लेने आने वालों की तादात बढ़ रही थी। इससे उसे पकड़े जाने का डर सताने लगा था।
इस पर वह जान पहचान वालों को ही नशीली दवा देता था। इसके लिए दवा को टानिक के नाम से मांगना होता था। जो इसे नाम से या तबीयत खराब होने का बहाना कर मांगते उन्हें वह दवा नहीं देता था। इससे गांव वालों को शक भी नहीं होता था। इससे उसका व्यवसाय धड़ल्ले से चल रहा था।
खपत बढ़ने पर अपनाया तरीका
लाकडाउन के दौरान जिले में शराब दुकान बंद हो गई थी। वहीं, महुआ श्ाराब पर भी पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही थी। इससे शराबियों को शराब नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में कोरमी के युवक नशे के लिए होम्योपैथी दवा का सेवन शुरू कर दिया। एकाएक खपत बढ़ने पर उसे पकड़े जाने का डर लगने लगा। इस पर उसने कोडवर्ड का तरीका अपनाया था।
खैरा के ग्रामीणों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
सीपत क्षेत्र के खैरा निवासी केशव कुर्रे की बेटियां रेणुका व रितिका की मौत में शामिल होने की पुष्टी के बाद ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीण आरोपित डाक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। गांव के सरपंच लक्ष्मीनारायण कोहली ने दोनों बच्चीयों के हत्यारे डाक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मृतक बच्चीयों के स्वजन बाहर हैं। उनके आने के बाद पुलिस आरोपित डाक्टर की पहचान कराएगी।