जेके अस्पताल का कर्मचारी रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेच रहा था, तीन आरोपित गिरफ्तार
भोपाल। कोलार पुलिस ने एक बार फिर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की तस्करी का पर्दाफाश कर दिया। आरोपितों ने जेके अस्पताल के एक कर्मचारी से इंजेक्शन लेकर उनको मुंह मांगी कीमत अदा कर रहे थे। पुलिस के हाथ आए आरोपितों का कहना है कि उनके रिश्तेदारों की जान बचाने के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसे वह हर कीमत पर लेना चाहते थे। पुलिस ने आरोपित के पास से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद कर लिए हैे। वह जेके अस्पताल के कर्मचारी से यह इंजेक्शन खरीद रहे थे। वह फरार होने में कामयाब हो गया है। कोलार थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल के अनुसार सूचना मिली थी कि मंदाकिनी कॉलोनी के पास सांची बूथ के पास में एक कार आकर रुकी है। उसमें तीन लोग बैठे हैं, जो रेमेडेसिविर इंजेक्शन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इस कोलार थाने एक टीम को मौके पर भेजा गया। जहां से आरोपित कार समेत हिरासत में लेकर थाने लाया गया। जहां इनकी पहचान सिग्नेचर रेजीडेंसी कोलार निवासी 36 साल के अंकित सलूजा , दिलप्रीत उर्फ नानू सलूजा 26 साल निवासी सिग्नेचर रेजीडेंसी और उत्क सक्सेना 25 साल निवासी ग्रीन मैंडौरा अरेरा हिल्स के रूप में हुई। उनके पास से पांच रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद किए। पूछताछ में आरोपित अंकित सलूजा ने बताया कि 28 अप्रैल को उनके एक रिश्तेदार को कोरोना संक्रमण हो गया था, उसे इंजेक्शन की जरूरत पड़ी तो उसने जेके अस्पताल के कर्मचारी आकाश दुबे से 28 हजार में एक इंजेक्शन लिया था। उसके बाद 8 मई को उसने पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन 80 हजार रूपये में लिए थे। इसके बाद पांच इंजेक्शन आकाश दुबे से लेकर किसी को बेचने के लिए वह आए थे। वह इंजेक्शन बेचने में कामयाब हो पाते उससे पहले ही कोलार पुलिस ने पकड़ लिया।
जेके अस्पताल का कर्मचारी बार फिर फरार
जेके अस्पताल का कर्मचारी जिससे रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदा जा रहा था, वह आकाश दुबे फरार हो गया है। इससे पहले भी जेके अस्पताल का एक मेल नर्स रेमडेसिविर इंजेक्शन की तस्करी करता गिरफ्तार हो चुका है। उसे जेके अस्पताल की महिला नर्स सालिनी वर्मा दिया करती थी। हम बता दें कि नर्स इंजेक्शन का पानी मरीज को लगाकर दवा का इंजेक्शन बाजार में बेचने के लिए दिया करती थी। उसे पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। आरोपितों से पूछताछ जारी है।