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स्थास्थ्य सुविधाओं की कमी से दम तोड़ रही गौ माता; स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आ रही

चंडीगढ़: नयागांव में आवारा गायं लंपी स्किन की बीमारी से ग्रसित हो रही हैं।लंपी स्किन नामक पशुओं की गंभीर बीमारी से आवारा गांयों की लगातार मौत हो रही है। मोहाली जिले के अंतर्गत आते नयागांव में इस बीमारी से कई गांय बुरी तरह पीड़ित हैं। वहीं हैरानी की बात है कि इन गांयो की मौत इलाज के अभाव में हो रही है। नयागांव में एक भी गऊशाला नहीं है जहां इन पशुओं को रख कर उनका इलाज किया जा सके। मोहाली नगर निगम के अंतर्गत कुछ ही बीमार गायों को मोहाली में छोड़ कर आया जा रहा है। बाकी गांय बीमारी के चलते दम तोड़ रही हैं।ऐसे में पशु प्रेमियों के बीच में काफी रोष भी नजर आ रहा है। गौरी शंकर सेवा दल नामक संस्था से जुड़े वालंटियर नयागांव में बीमार गायों के इलाज के लिए आगे आए हैं। स्वस्थ गायों को वैक्सीनेशन दी जा रही है। वहीं बीमार गायों को अपने स्तर पर इलाज किया जा रहा है।गौरी शंकर सेवा दल के वालंटियर्स लंपी स्किन से ग्रसित गांय का इलाज करते हुए।EO से मदद मांगी मगर कुछ नहीं बनाअंकित पांडे नामक पशु प्रेमी ने बताया कि लंपी स्किन से पीड़ित गांयों के इलाज के लिए एग्जीक्यूटिव अफसर (EO) से मदद मांगी गई मगर कोई जवाब नहीं आया। अंकित ने कहा कि यहां पर कोई स्थानीय पार्षद या मंत्री हालातों का दौरा करने नहीं पहुंचा। नयागांव में एक खुले में बीमार गांय घूम रही हैं और इसी एरिया में कई गांयों को लंपी स्किन की बीमारी से मौत के बाद दबाया गया है।अंकित ने कहा कि वैटरीनरी डॉक्टर सुबह 10 से 2 बजे तक कुछेक जानवर ही देख पा रहे हैं। वहीं कुछ जानवरों की हालत देख वह कह रहे हैं कि यह बच नहीं सकता। अंकित ने मांग रखी कि विभाग को ग्राउंड लेवल पर अपने वर्कस बढ़ाने चाहिए जो गांयों के टीकाकरण पर काम कर सकें। वहीं न्यूनतम 2 डॉक्टर यहां पर होने चाहिए। लंपी स्किन के बारे में बताया गया कि इस बीमारी से कीड़े पड़ने से गांयों में जख्म बन रहे हैं।नयागांव में एक कूड़े के खाली मैदान पर बैठी आवारा गांय।वहीं विकास नामक युवक ने बताया कि वह एनिमल वेल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के वालंटियर हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी तरफ से लंपी स्किन से ग्रसित गांयों का इलाज कर रहे हैं। अभी भी कई गांय इलाज के अभाव में हैं। विकास ने बताया कि वह नगर काउंसिल के EO से भी बीमार पशुओं के लिए मदद की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह अपने स्तर पर सिर्फ एंटीबॉयोटिक ही लगा सकते हैं।गौरी शंकर सेवा दल के डॉक्टर नरेश ने बताया कि सूचना मिलने पर वह आज सुबह नयागांव पहुंचे। स्वस्थ पशुओं को लंपी स्किन से बचाने के लिए उन्हें वैक्सीन दी गई है। वहीं बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है। एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि 7 से 8 गांयों की वैक्सीन की गई है। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ से भी कॉल आती है तो वह वहां जाते हैं। नयागांव में पशुओं के अस्पताल की हालत भी बेहद खस्ता है। छोटे सी जगह पर जानवरों का इलाज किया जाता है। वहीं यहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद खराब हालत में है।नयागांव में जानवरों के अस्पताल के खस्ताहाल हैं।स्टाफ की कमी के चलते दिक्कत आ रही: डॉक्टर राजेशनयागांव में वेटरीनरी डॉक्टर राजेश गुप्ता ने कहा कि गलियों में ऐसी गांयों को पकड़ने के लिए स्वीपर तक नहीं है। बताया कि उनके पास एंबुलेंस और ऐसी कोई गाड़ी तक नहीं है जिसके तहत ऐसी गांयों का इलाज किया जा सके। वहीं स्टाफ भी नहीं है। दो दिन पहले एक फार्मासिस्ट आया है। इससे पहले वह अकेले ही सेवाएं दे रहे थे। वहीं नयागांव में पशु अस्पताल भी बुरी हालत में है। डॉक्टर राजेश ने बताया कि वह कई बार अपने अफसरों को यहां के हालात के बारे में लिख चुके हैं।वहीं बताया गया कि स्वस्थ गांयों को वैक्सीनेशन लगाई जाती है। उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं की देखरेख का जिम्मा स्थानीय निकाय विभाग के पास है। EO ऑफिस में ऐसी गांयों के लिए फंड आता है जो काऊ सेस के रुप में होता है। इन गांयों की देखरेख उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि ऐसी गांयों का प्रबंधन उनकी जिम्मेदारी होती है। हालांकि वह पशुपालन विभाग के डॉक्टर की सहायता ले सकते हैं।इस बारे में नगर काउंसिल के EO सुधीर शर्मा ने कहा है कि गांयों को डॉक्टरों द्वारा दवाई दी जाती है। वहीं जो गांय ज्यादा बीमार थी उन्हें मोहाली छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि नयांगांव में गउशाला नहीं है। गांयों को रखने की जमीन नहीं है। ऐसे में जैसे ही उनके पास ट्राली आती है बीमार गांयों को मोहाली नगर निगम के अंतर्गत छोड़ दिया जाता है।