डब्लूएचओ प्रमुख ने कोरोना रोधी टीकों पर पेटेंट छूट की पहल के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका का जताया आभार
संयुक्त राष्ट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रियेसस ने कोरोना रोधी टीकों पर पेटेंट छूट के लिए वैश्विक निकाय में पहल करने पर सोमवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका का आभार जताया।
डब्लूएचओ ने कोरोना टीकों का उत्पादन तेज करने की जरूरत पर दिया जोर
विश्व स्वास्थ्य महासभा में अपने उद्घाटन भाषण में घेब्रियेसस ने देशों से ‘कोवैक्स’ पहल के जरिये टीकों की खुराकें साझा करने का आह्वान किया और कोरोना टीकों का उत्पादन तेज करने की जरूरत को रेखांकित किया। समान रूप से टीकों तक पहुंच के लिए कोविड वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस (कोवैक्स) एक अंतरराष्ट्रीय पहल है।
डब्लूएचओ प्रमुख ने कहा- टीकों के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा, ‘हमें टीकों की और खुराकों की जरूरत है और इसके लिए कोई भी कसर हमें नहीं छोड़नी चाहिए।’ उन्होंने उल्लेख किया कि कई दवा कंपनियों ने कहा है कि अगर टीकों का लाइसेंस साझा किया जाए तो वे टीकों का निर्माण कर सकती हैं। घेब्रियेसस ने हैरानी जताई कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि ऐसा अब तक क्यों नहीं हो रहा।
डब्लूएचओ ने टीकों पर पेटेंट छूट की पहल के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका का किया आभार
उन्होंने कहा, ‘मैं कोरोना उत्पादों के संबंध में बौद्धिक संपदा अधिकार पर छूट के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) में पहल को लेकर भारत और दक्षिण अफ्रीका का आभार व्यक्त करता हूं और उन देशों का भी शुक्रिया जो इन प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं।’
यदि समान रूप से टीकों का वितरण होता तो स्वास्थ्यकर्मियों-बुजुर्गों का टीकाकरण हो गया होता
टीकों की उपलब्धता पर घेब्रियेसस ने कहा, ’75 प्रतिशत से ज्यादा टीके महज 10 देशों में दिए गए हैं। कुछ देशों ने टीके बनाए और कुछ ने दुनिया के ज्यादातर टीके खरीद लिए।’ उन्होंने कहा कि समान रूप से टीकों का वितरण होता तो दुनिया में स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों का टीकाकरण हो गया होता।