सुबोध कुमार जायसवाल बने सीबीआई के नए निदेशक, पीएम के अध्यक्षता में लगाई गई मुहर
नई दिल्ली। सीआइएसएफ के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के नए प्रमुख होंगे। नए प्रमुख के लिए सोमवार को जिन तीन नामों का पैनल तैयार हुआ उसमें सबसे वरिष्ठ होने के कारण महाराष्ट्र कैडर के जायसवाल सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से उन्हें सीबीआइ निदेशक बनाए जाने की अधिसूचना मंगलवार रात जारी कर दी गई। सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए तय है। बीते फरवरी महीने में आरके शुक्ला के रिटायर होने के बाद देश की शीर्ष जांच एजेंसी के प्रमुख का पद रिक्त चल रहा था।
बीते चार महीने से सीबीआइ के अपर निदेशक प्रवीण सिन्हा अस्थायी तौर पर जांच एजेंसी के निदेशक के तौर पर काम देख रहे थे। 22 सितंबर 1962 को जन्मे जायसवाल 1985 बैच के आइपीएस हैं। महाराष्ट्र कैडर में होने के कारण वे मुंबई के पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के डीजीपी भी रहे चुके हैं। वे नौ साल तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) में भी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने रा में रहते हुए तीन साल तक अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभाई।
पैनल में थे सबसे वरिष्ठ
सीबीआइ के नए निदेशक के लिए सोमवार को जिन तीन नामों का पैनल तय हुआ उसमें जायसवाल सबसे वरिष्ठ थे। अन्य दो नाम गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी और एसएसबी के महानिदेशक केआर चंद्रा के थे। सीबीआइ के नए प्रमुख की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तय एक नियम के चलते इस दौड़ में शामिल दो प्रमुख नाम विचार करने से पहले ही बाहर हो गए।
समझा जाता है कि सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार समिति की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एमवी रमना ने छह महीने से कम कार्यकाल वाले अधिकारियों को डीजी स्तर पर नियुक्त नहीं करने के नियम का हवाला दिया। इसकी वजह से सीबीआइ निदेशक बनने के सबसे प्रबल दावेदारों में गिने जा रहे राकेश अस्थाना और वाईसी मोदी दोनों दौड़ से बाहर हो गए।
वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और वाईसी मोदी दोनों गुजरात कैडर के हैं और सीबीआइ निदेशक पद के लिए केंद्र सरकार के पसंदीदा अधिकारियों में गिने जा रहे थे। वाईसी मोदी इसी 31 मई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से रिटायर हो रहे हैं, जबकि बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। बताया जाता है कि सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति पैनल में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन नामों पर कोई एतराज नहीं जताया लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया और पैनल को लेकर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के रवैये की आलोचना की और इस पर अपनी असहमति फाइल में दर्ज कराई।
इस बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि सीबीआइ निदेशक जैसे अहम पद की नियुक्ति प्रक्रिया में डीओपीटी की गंभीरता की कमी को लेकर उन्होंने एतराज इसलिए जताया कि पैनल में पहले 11 मई को 109 नाम भेजे गए। इसके बाद सोमवार को बैठक से पहले दिन में एक बजे 10 नाम भेजे गए और शाम चार बजे छह नामों को शार्टलिस्ट कर भेजा गया जो डीओपीटी के गैर पेशेवर रुख को जाहिर करता है।
चर्चित आइपीएस रहे हैं सुबोध जायसवाल
सुबोध जायसवाल ने एक दशक से अधिक समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो, एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) और रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के साथ भी काम किया है। सुबोध जायसवाल तेलगी घोटाले में जांच के बाद चर्चा में आए थे। उस समय वह स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे। सुबोध जायसवाल ने महाराष्ट्र एटीएस का नेतृत्व करते हुए कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी काम किया है। उन्हें 2009 में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।