छह जिलों में संक्रमण का कहर, 10-12 फीसद गांव ही कोरोना मुक्त
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की संख्या में भले ही तेजी से गिरावट आ रही हो, लेकिन गांवों में संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से मुक्त गांवों की सूची गुरुवार को जारी की। सरकार ने दावा किया कि दस हजार गांव पूरी तरह संक्रमण मुक्त हो गए हैं। इन गांवों तक या तो संक्रमण नहीं पहुंच पाया है या फिर उन्हें संक्रमण से जल्द मुक्ति मिल चुकी है। वर्तमान में इन गांवों में एक भी संक्रमित व्यक्ति नहीं है।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बिलासपुर, बलरामपुर, बालोद, जांजगीर-चांपा, पेंड्रा-गौरेला-मरवाही और रायगढ़ के सिर्फ दस से 12 फीसद गांव ही कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। सूरजपुर और कोरबा के 25 फीसद, सरगुजा और महासमुंद के करीब 30 फीसद गांव ही कोरोना संक्रमण से मुक्त हो पाए हैं। नईदुनिया ने गांव में कोरोना संक्रमण के प्रसार को लेकर गुरुवार को गांव की तरफ कोरोना, संक्रमण और मौत रोकना चुनौती शीर्षक से खबर का प्रकाशन प्रमुखता से किया था।
इसके बाद सरकार की तरफ से पहली बार गांव के संक्रमण को लेकर आंकड़े जारी किए गए। इसमें दावा किया गया कि राज्य शासन की ओर से माइक्रो लेबल तक की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के कारण छत्तीसगढ़ के कुल 20 हजार 92 गांवों में से करीब आधे नौ हजार 462 गांवों में आज कोरोना का संक्रमण नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, रायपुर, मुंगेली, कोरिया, बेमेतरा, बलौदाबाजार और जशपुर के करीब 50 फीसद गांव में कोरोना का संक्रमण नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा चपेट में आए राजनांदगांव और दुर्ग के गांव में भी राहत की खबर आई है। यहां 85 से 90 फीसद गांव कोरोना संक्रमण की जद से बाहर हैं।
घर-घर सर्वेक्षण और मुफ्त दवा ने बचाया
राज्य के नगरीय क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत होते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं। इस निर्देश के बाद पहली लहर के दौरान गांवों में स्थापित क्वारंटाइन सेंटरों को पहले से अधिक मजबूत व्यवस्थाओं के साथ फिर से सक्रिय किया गया। अन्य राज्यों अथवा शहरी क्षेत्रों से गांव लौटने वाले व्यक्तियों तथा परिवारों को इन सेंटरों में ठहराने, उनकी जांच तथा उपचार की व्यवस्था की गई।
घर-घर तक सर्वेक्षण कर संक्रमितों का पता लगाने के लिए मितानिनों तथा स्वास्थ्य अमले के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को भी सक्रिय किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों ने सर्दी-बुखार के मरीजों की पहचान करने के साथ-साथ उनके उपचार में भी अपनी भागीदारी निभाई। कोरोना से बचाव एवं उपचार के प्रति जागरूकता लाने में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई। समय रहते गांव-गांव तक आवश्यक दवाइयों के किट की आपूर्ति और उसका वितरण सुनिश्चित किया गया।
मुख्यमंत्री खुद कर रहे थे मानिटरिंग
जिला पंचायतों से लेकर ग्राम पंचायत तक के नेटवर्क के जरिए कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की मानिटरिंग का काम स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही फीडबैक के आधार पर अधिकारियों को निर्देशित भी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के गंभीर मरीजों को जल्दी से जल्दी अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके इसके लिए एंबुलेंस तथा अन्य वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी की गई।
जानिए इन आंकड़ों को
जिला कुल गांव संक्रमण मुक्त गांव
बालोद 704 183
बलौदाबाजार 957 402
बलरामपुर 636 102
बस्तर 589 252
बेमेतरा 702 311
बीजापुर 579 491
बिलासपुर 708 96
दंतेवाड़ा 229 158
धमतरी 633 176
दुर्ग 385 377
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 222 39
गरियाबंद 722 342
जांजगीर-चांपा 887 150
जशपुर 766 319
कांकेर 1084 792
कबीरधाम 1035 832
कोंडागांव 569 407
कोरबा 716 280
कोरिया 638 352
महासमुंद 1153 532
मुंगली 711 338
नारायणपुर 422 362
रायगढ़ 1435 173
रायपुर 478 261
राजनांदगांव 1599 1204
सुकमा 406 194
सूरजपुर 544 140
सरगुजा 583 197