केरल में काला जादू के नाम पर ‘मानव बलि’, प्राइवेट पार्ट में डाला चाकू; पुलिस ने गठित की एसआईटी
एर्नाकुलम। केरल के पतनमतिट्टा जिले में दो महिलाओं की बलि देने का हैरतअंगेज मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकानेवाले रहस्य सामने आ रहे हैं। ऐसे में केरल पुलिस प्रमुख अनिल कांत स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस पूरे हत्याकांड की कडि़यों को जोड़कर पूरा सच सामने लाएगी। खबरों के मुताबिक, इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी उर्फ रशीद पहले भी इस तरीके से हत्याओं को अंजाम दे चुका है।
विशेष जांच दल सीधे एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर की निगरानी में काम करेगी। इससे पहले इस दिल दहला देने वाले मामले में जांच रिपोर्ट से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक, पीडि़त महिला के शरीर के 56 टिकड़े किए गए थे। इतना ही नहीं मोहम्मद शफी ने आरोपित लैला के साथ मिलकर पीडि़ता के प्राइवेट पार्ट में धारदार चाकू डाल दिया था। पुलिस को शक है कि शफी इससे पहले भी ऐसी निर्मम हत्याएं कर चुका है। इसलिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
ये हैं विशेष जांच दल के सदस्य
कोच्चि शहर के पुलिस उपायुक्त एस शशिधरन नर बलि मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल के प्रमुख होंगे। पेरुंबवूर एएसपी अनुज पालीवाल मुख्य जांच अधिकारी होंगे। वहीं, एर्नाकुलम केंद्रीय सहायक आयुक्त सी जयकुमार, कदवंतरा स्टेशन हाउस ऑफिसर बैजू जोस, कलाडी स्टेशन हाउस ऑफिसर अनूप एनए जांच अधिकारी हैं, और एलामकारा पुलिस स्टेशन सब इंस्पेक्टर ऐन बाबू और कलाडी पुलिस स्टेशन सब इंस्पेक्टर बिपिन टीबी विशेष जांच दल के सदस्य हैं।
लालच देकर महिलाओं को फंसाया
कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू ने कहा कि पुलिस ने इस संबंध में एक दंपती समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान शफी, भगवल सिंह और उसकी पत्नी लैला के रूप में हुई। आरोपितों को मंगलवार को एर्नाकुलम की जिला एवं सत्र अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि शवों के टुकड़ों को निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि कोच्चि क्षेत्र की दो लाटरी विक्रेता रोसलिन और पदमा के क्रमश: जून और सितंबर में लापता होने की प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
शवों को टुकड़े-टुकड़े कर घर में ही पीछे की ओर दबा दिया
अपनी जांच के दौरान पुलिस को मानव बलि के बारे में पता चला। मुख्य आरोपित शफी ने इन दोनों महिलाओं को वित्तीय मदद करने के बहाने पतनमतिट्टा बुलाया। इसके बाद उसने अधिक पैसा कमाने के लालच में भगवल सिंह और उसकी पत्नी के साथ मिलकर इन दोनों की इनके अपहरण के कुछ समय बाद ही बलि दे दी और शवों को टुकड़े-टुकड़े कर घर में ही पीछे की ओर दबा दिया।
शफी एक यौन विकृत मानसिकता का शिकार
मुख्य आरोपित ने दो साल पूर्व 75 वर्षीय वृद्धा से किया था दुष्कर्म पुलिस आयुक्त ने बताया कि दोषियों को पकड़ने में सीसीटीवी फुटेज मददगार साबित हुई। मामले में मुख्य आरोपित शफी है। उसका मकसद जादू-टोना कर अधिकाधिक पैसे कमाना था। शफी एक यौन विकृत मानसिकता का है। उसने इन महिलाओं के नाजुक अंगों पर चोटें मारीं। 2020 में शफी ने एक 75 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म किया था और उसके संवेदनशील अंगों पर भी गंभीर चोटें पहुंचाई थीं। उन्होंने कहा कि अभी इस बात की जांच की जा रही है कि मानव बलि के लिए शफी ने क्या और भी महिलाओं से संपर्क किया था?