यात्रियों के साथ अब मवेशी मालिकों को भी समझाइश दे रहे आरपीएफ के जवान
भोपाल। रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा करने वाले आरपीएफ के जवान अब मवेशी मालिकों को भी समझाइश दे रहे हैं। ये जवान अपने थाना और चौकी क्षेत्रों में रेलवे ट्रेक के किनारे बसे गांवो में जाकर लोगों से कह रहे हैं कि रेलवे ट्रैक के आसपास मवेशियों को ना जाने दें। अकेला और खुला तो बिल्कुल ना छोड़ें। निगरानी के अभाव में कई बार मवेशी रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं और ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो जाती है। इससे मवेशी मालिकों को तो नुकसान होता ही है, ट्रेनों की गति भी प्रभावित होती है। किसी दिन बड़ा हादसा भी हो सकता है इसलिए मवेशियों को रेलवे ट्रैक के आसपास आने से रोकने के लिए यह कवायद की जा रही है।
भोपाल रेल मंडल की तरफ से बताया गया है कि कुछ मवेशी मालिकों के गैर-जिम्मेदाराना रवैया के कारण मवेशियों के रेल पटरी पर आने की घटना बढ़ रही है। इन्हें रोकने के लिए पूरे मंडल में जन-जागरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत मंडल के सभी आउट पोस्टों के प्रभारियों तथा रेल पथ निरीक्षकों के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल कार्मियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में रेल पटरी के किनारे मवेशियों को चराने वाले लोगों से मिलकर उनको समझाया जा रहा है। इसी सिलसिले में रेल सुरक्षा बल आउटपोस्ट होशंगाबाद द्वारा होशंगाबाद पवारखेड़ा के बीच रेल लाइन के किनारे बसे गाँव बुधवाङा, आगरा, ब्यावरा एवं आदमगढ के लोगों को जागरूक किया।
हो सकती है छह माह की जेल
समझाइश देने के बावजूद रेलवे ट्रैक के आसपास मवेशी खुले छोड़े और उनके ट्रैक पर आने से कोई रेल घटना दुर्घटना हुई तो संबंधित मवेशी मालिक के खिलाफ रेलवे धारा 147 के तहत कड़ी कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत छह महीने की जेल और 500 व 1000 रुपए के जुर्माने का नियम है। डीआरएम उदय बोरवणकर की तरफ से ने कहा है कि नुकसान से बचने के लिए मवेशी मालिकों को अपने मवेशी रेलवे ट्रैक के आसपास खुले नहीं छोड़ने चाहिए।