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छत्तीसगढ़ में मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोरोना से मौत नहीं लिखे जाने पर भाजपा ने उठाए सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मृत्यु प्रमाण पत्रों पर कोरोना से मौत नहीं लिखे जाने पर भाजपा ने सवाल उठाया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि ऐसे में कैसे कोरोना से माता-पिता खोने वाले बेसहारा बच्चों की पहचान होगी? उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तत्काल मृत्यु प्रमाणपत्र की खामियों को दूर करने की मांग की है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने मुख्यमंत्री बघेल को संवेदनहीन मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को असंवेदनशील सरकार करार दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक मासिक वित्तीय सहायता देने और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर 10 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है।

केंद्र सरकार की तर्ज पर अन्य राज्यों ने भी कोरोना महामारी के कारण अनाथ बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा उनके संरक्षण पर ध्यान देकर व उनकी सहायता करके उनके उज्ज्वल भविष्य की चिंता की है। साय ने पूछा कि राज्य की कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में कोरोना की वजह से माता- पिता खो चुके बच्चों के लिए क्या किया हैं?

तमिलनाडु जैसे छोटे राज्य ने अनाथ बच्चों के लिए पांच लाख देने की घोषणा की है, असम राज्य ने बच्चों के अभिभावक/केयरटेकर को प्रतिमाह 3500 रुपये देगी, विवाह योग्य बच्चियों को 10 ग्राम सोना और एकमुश्त 50 हजार प्रदान करेगी। इसी तरह अन्य राज्य भी मदद दे रहे हैं। साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल को अपनी जिम्मेदारी और प्राथमिकता स्पष्ठ करनी चाहिए कि वे छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति जिम्मेदार है या उनकी प्राथमिकता गांधी परिवार और सियासत है।