नगर पालिका अविश्वास प्रस्ताव चुनाव बचाने में कांग्रेस हुई सफल कांग्रेस अध्यक्ष को 12 मत मिले, वहीं भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 19 मत पड़े पार्टी के खिलाफ जाने वाले 4 से 5 विभीषणों की हो रही है खोज आला पदाधिकारियों ने कहा कि जरूर होगी कार्यवाही
भाटापारा। भाटापारा नगर पालिका अविश्वास प्रस्ताव पर जैसा अनुमान लगाया जा रहा था ठीक उसी के मुताबिक अध्यक्ष श्रीमती सुनीता गुप्ता अपना पद बचाने में कामयाब हुई। जहां अध्यक्ष श्रीमती सुनीता गुप्ता के पक्ष में 12 मत पड़े वही अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली भाजपा के पक्ष में 14 से बढ़कर 19 मत पड़े।
31 वार्ड वाली भाटापारा नगर पालिका में आंकड़ों की बात की जाए तो
भाजपा के 14, कांग्रेस के 13 व 4 निर्दलीय पार्षद चुनकर आए थे।कॉन्ग्रेस के 16 पार्षद इस कारण बोला जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस को 3 निर्दलीय पार्षदों ने अपना समर्थन दिया था,और कांग्रेस में शामिल भी हुए थे। भाजपा के 14 पार्षद चुनाव जीत कर आए थे, परंतु एक पार्षद के खिलाफ पार्टी ने निष्कासन करने की कार्यवाही की बात कही, वही एक निर्दलीय ने भाजपा का दामन थामा।
काग्रेस की कलई खुल गई
जितनी चर्चा अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नहीं थी उससे ज्यादा चर्चा अब मतों के गणित को लेकर देखी जा रही है। जहां कांग्रेस के 16 से हटकर 12 हो गए, वही भाजपा के 14 से बढ़कर 19 हो गए, अध्यक्ष भले ही अपना अविश्वास प्रस्ताव बचाने में कामयाब जरूर हो गई लेकिन इससे कांग्रेस की कलई खुल गई।
पर्यवेक्षको के सामने बड़ी चुनौती
नगरपालिका परिषद भाटापारा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के विषय को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे तथा पंकज शर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। पर्यवेक्षकों के आने से कहीं ना कहीं फर्क तो पड़ा कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव बचाने में कामयाब हुई, परंतु कांग्रेस की संख्या घटने से पर्यवेक्षकों के माथे पर जरूर बल पड़ा होगा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहते जहां हर तरफ कांग्रेस के वोट बढ़ते हैं, वही ठीक इसके विपरीत भाटापारा में कांग्रेस के वोट घटने से कांग्रेस कि कहीं ना कहीं किरकिरी हुई है।
क्या कांग्रेस पार्षदों पर होगी कार्रवाई
अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के 16 में से घटकर 12 मत मिलने से कहीं ना कहीं कांग्रेस में खलबली मच गई है, कांग्रेस की सरकार रहते कांग्रेस से गद्दारी पर कार्यकर्ता काफी नाराज है, और कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, अब देखना होगा कि नगरपालिका अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के गद्दारों पर क्या पार्टी कार्रवाई करती है या आगामी चुनाव को देखकर ठंडी हो जाती है।