भाटापारा विधानसभा भाजपा प्रत्याशी के पास है विकास कार्यों की लंबी सूची तो कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश सरकार के कार्यों के दम पर लड़ेगी चुनाव
भाटापारा । नामांकन वापसी के साथ ही चुनावी माहौल गर्म हो गया है। भाटापारा विधानसभा में कांग्रेस, भाजपा के साथ बहुजन समाज पार्टी, जोगी कांग्रेस, जोहार छत्तीसगढ़ एवं निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, पर इस बार का मुकाबला भाजपा -कांग्रेस में सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है। भाटापारा विधानसभा को कांग्रेस का गढ़ बतलाया जाता रहा है, इसलिए सीधा मुकाबला हमेशा से टक्कर वाला रहा है, ऐसा नहीं है कि सीधे मुकाबले में भाजपा नहीं जीती, पहले कई बार भाजपा सीधे मुकाबले में भाटापारा से चुनाव जीत चुकी है।
कांग्रेस के बागी, भीतरघाती भाजपा को पहुचाते रहे हैं प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष लाभ,इस बार ऐसा नही
कांग्रेस के गढ़ कह जाने वाले भाटापारा में भाजपा कई बार अपना परचम लहरा चुकी है, पिछले दो चुनाव से भाजपा प्रत्याशी 10 हज़ार के अधिक अंतर से चुनाव जीतते आए हैं, लेकिन समय-समय पर कांग्रेसी के बागियों , भितरघातियों ने भाजपा की जीत में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष योगदान दिया हैं, कभी सतीश अग्रवाल तो कभी चैतराम साहू,छोटे नेताओ की तो गिनती ही नही पर इस बार सरकार होने की वजह से और स्वयं मुख्यमंत्री की नजर होने से भीतरघातियों एवं बागियों की चलती नहीं दिख रही है, जिससे मुकाबला सीधी टक्कर का है।
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की 11909 हजार मतों से जीत हुई थी ,कांग्रेस प्रत्याशी 51490 मत हासिल कर सके थे ,तो जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी ने 45960 मत पाकर सभी को हैरान कर दिया था, भाटापरा विधानसभा में कांग्रेस का अपना एक वोट बैंक है ,तो भाजपा विधायक ने अपनी मेहनत से वोट बैंक तैयार किया है, कांग्रेस को पिछले चुनाव जोगी कांग्रेस के वोट बैंक से उम्मीद है, तो भाजपा अपने विकास कार्यों के ऊपर भरोसा कर रही है।
भाजपा की ताकत
विधायक शिवरतन शर्मा की 30 ,35 वर्षों की मेहनत,सक्रियता एवं मिलन सरिता
भाटापारा विधानसभा में कराए गए करोड़ों के विकास कार्य
भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ कोई आक्रोश नहीं पार्टी में एकजुटता
कांग्रेस की ताकत
भाटापारा कांग्रेस का गढ़ अपना एक वोट बैंक
किसानों के हित में भूपेश सरकार के कार्य
पिछले चुनाव परिणाम से कार्यकर्ताओं में उत्साह
भाजपा की कमजोरी
सरकार नहीं होने से कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी
भाजपा प्रत्याशी को छोड़ दे तो, नगर पालिका, जनपद ,जिला पंचायत स्तर पर विपक्ष की भूमिका में फेल
कांग्रेस प्रत्याशी को कमजोर आंकना एवं जनता की नाराजगी को समझ ना पाना
कांग्रेस की कमजोरी
भूपेश सरकार की योजनाओं को छोड़ कांग्रेस प्रत्याशी के पास भाटापारा में किये कार्यों की कोई सूची नहीं
कांग्रेस प्रत्याशी के दौड़ में न होने के बावजूद टिकट मिलने से कांग्रेस के बड़े नेताओं में नाराजगी, भीतरघात का डर
बड़े चुनाव का अनुभव नहीं कम समय में पूरे क्षेत्र को समझना और चुनाव लड़ना बड़ी चुनौती
कांग्रेस शाषित नगर पालिका के कार्यों से जनता नाराज