ब्रेकिंग
भाटापारा में ब्राउन शुगर का कारोबारी गिरिफ़्तार,ड्रग्स विभाग निष्क्रिय,युवाओं का भविष्य अंधकार में ,गृह मंत्री त्यागपत्र देवे—सुशील शर्मा भाटापारा/सिमगा के शराब दुकानों में शराब ओवर रेट पर बिक्री की जा रही है-प्रशासन तत्काल बंद कराये-सुशील शर्मा युवा ब्राह्मण समाज भाटापारा का द्वितीय चरण का वृक्षारोपण कार्यक्रम:- युवा ब्राह्मण समाज एवं मयूर परिवहन के संयुक्त तत्वाधान में वृक्षारोपण का कार्यक्र... विधायक ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से भाटापारा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की रखी मांग भाटापारा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की मांग - विधायक ... युवा ब्राह्मण समाज भाटापारा के प्रथम आयोजन में ,श्री पावन धाम कामधेनु गौशाला मे गौ पूजन,वृक्षारोपण एवं प्रसादी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ छत्तीसगढ़ स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल हुए, विधायक बेहतर खेल सुविधा मेरी प्राथमिकता - इन्द्र साव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रभुराम से प्रदेश वासियों की खुशहाली की कामना की भाटापारा में राम भक्तों की टोलियों को किया सम्मानित भाटापारा शहर में आयोजित राम सप्ताह कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं एवं आमजनों की सुविधा के लिए समुचित यातायात एवं पार्किंग की व्यवस्था अपने 8 माह की नाकामी छुपाने प्रदेश सरकार विपक्ष के नेताओं को कर रही परेशान::-इंद्र साव बलौदा बाजार की घटना देश को शर्मसार करने वाली :-सत्यनारायण शर्म... नगर साहू समाज महिला प्रकोष्ठ की बहनों ने विधायक इन्द्र साव को बांधी राखी

PM इमरान खान का नया पैतरा, पाकिस्‍तान बातचीत को राजी लेक‍िन भारत को करना होगा ये काम

इस्‍लामाबाद। पाक‍िस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फ‍िर शर्तों के साथ भारत से वार्ता करने को तैयार है। पाक‍िस्‍तान से छपने वाले उर्दू अखबारों में इस हफ्ते इमरान खान का एक इंटरव्‍यू और विपक्ष से उनकी तकरार से जुड़ी खबरें सुर्खियों में हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से एक बार फ‍िर बातचीत शुरू करने की पेशकश की है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगर कश्‍मीर में पुरानी स्थिति को बहाल करने का सिर्फ रोडमैप भी देता है तो पाक‍िस्‍तान उसके साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। आखिर क्‍या है इमरान की मांग। भारत को क्‍या है आपत्ति।

इमरान ने वार्ता के लिए रखी पुरानी शर्त

इमरान ने एक बार फ‍िर भारत के साथ वार्ता करने के लिए वही पुरानी शर्त रखी है। उन्‍होंने कहा कि भारत अगर कश्‍मीर में पुरानी स्थिति को बहाल करने का सिर्फ रोडमैप भी देता है तो पाकिस्‍तान वार्ता के लिए तैयार है। उन्‍होंने कहा कि भारत ने कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्‍म करके रेडलाइन क्रॉस की है, लेकिन भारत अगर स‍िर्फ यह रोडमैप बता दें तो वह वार्ता को राजी हैं। उन्‍होंने कहा कि बशर्तें भारत को अगस्त, 2019 के फैसले को खत्‍म करने के लिए क्या-क्या कदम उठाएगा यह बताना होगा। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली के लिए पाकिस्तान के लिए यह स्वीकार्य होगा। इमरान ने एक बार फ‍िर भारत के इस फैसले को अंतरराष्‍ट्रीय कानून और संयुक्‍त सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्‍लंघन बताया। हालांकि, शुरू से पाकिस्‍तान की इस दलील को खारित करता है। भारत का कहना है कि यह उसका आंतरिक मामला है। इसमें क‍िसी देश को हस्‍तक्षेप करने का हक नहीं है।

संविधान के अनुच्छेद 370 पर अटके इमरान

इमरान ने कहा कि भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को मिलने वाले विशेष राज्य के दर्जे को 5 अगस्त, 2019 को समाप्त कर दिया था। इस संविधान संशोधन के साथ भारत ने कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील कर दिया था। पाक‍िस्‍तान का कहना है कि जब तक कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली नहीं हो जाती, भारत से किसी भी तरह की बातचीत संभव नहीं है। इस बार अपने साक्षात्‍माकर में इमरान ने कहा कि भारत अगर सिर्फ अपने फैसले को रद करने का रोडमैप भी बता दे तो पाकिस्तान बातचीत के लिए राजी है। अपने साक्षात्‍कार में इमरान ने कहा कि वह भारत के साथ हमेशा खुले दिल से रिश्‍ते रखने के इच्‍छुक रहे हैं। इमरान ने कहा कि सभी इस बात को जानते हैं कि अगर आप भारतीय उप-महाद्वीप में गरीबी को कम करना चाहते हैं तो इसके लिए बेहतरीन रास्ता यही है कि एक दूसरे के साथ व्यापार को बढ़ाया जाए। इस बाबत उन्‍होंने उन्होंने यूरोपीय यूनियन का उदाहरण दिया।

अफगानिस्‍तान पर पुरानी नीति में पाक ने किया बदलाव

रॉयटर्स को दिए साक्षात्‍कार में इमरान ने कहा कि उनकी सरकार ने अफगानिस्‍तान में दोस्ताना सरकार बनाने के लिए स्ट्रैटेजिक डेप्थ यानी ‘सामरिक गहराई’ की दशकों पुरानी नीति में बदलाव किया है। इमरान ने कहा कि अफगानिस्‍तान में अपनी पसंद की सरकार लाने के लिए पाकिस्तान कोई जोड़तोड़ की कोशिश नहीं करेगा, बल्कि अफगानिस्‍तान की जनता जिसको सत्ता में लाएगी, हमारा देश उसे स्वीकार करेगा। उन्‍होंने इस बात की आशंका जताई कि वहां से अमेरिकी सेना के वापस लौटने के बाद वहां एक बार गृह युद्ध शुरू हो सकता है। पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान से किसी तरह की रियायत लेना आसान नहीं होगा।