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सरकारी उपेक्षा से अस्पताल के बाहर बिना उपयोग के कबाड़ हो गया एंबुलेंस

जशपुरनगर। जिले के कुनकुरी तहसील के रनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस कबाड़ होते हुए खड़ा हुआ है। वहीं,भीषण कोरोना के दौर में ग्रामवासी,स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस की सुविधा पाने के लिए मशक्कत करते हुए नजर आ रहें हैं। कोरोनाकाल में चिकित्सा संसाधन को मजबूत करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार,इन दिनों पानी की तरह पैसा बहा रही है। खनिज न्यास निधि सहित सभी वित्तीय स्त्रोतों का अधिकतम उपयोग कोरोना से चल रहे संघर्ष के लिए तगड़ी मोर्चाबंदी के लिए किया जा रहा है। लेकिन,स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही,सरकार के मंसूबें पर तो पानी फेर ही रही है,साथ ही आमलोगों के लिए भी यह जान लेवा साबित हो रही है। खासकर,एंबुलेंस को लेकर इन दिनों जिले में सियासत और विवाद गरमाया हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा खनिज न्यास निधि से शासन द्वारा कबाड़ घोषित कर दिए गए 8 एंबुलेंस की मरम्मत का मामला है या फिर बगीचा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस की कमी से सड़क हादसे में घायल ग्रामीण की मौत का। स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त लापरवाही और बदइंतजामी की जिलेवासियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। रनपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपेक्षित एंबुलेंस को बीआरजीएफ फंड से खरीदा गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि एंबुलेंस उपलब्ध कराने के बाद से संचालित करने के लिए चालक पदस्थ करने की सुध अधिकारियों को नहीं रही। नतीजा चालक ने मरीज को कुनकुरी ले जाने के दौरान सड़क में एंबुलेंस को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था। तकरीबन दो साल से अधिक समय से क्षतिग्रस्त हालत में एंबुलेंस जंग खाते हुए अस्पताल के बाहर खड़ी हुई है। जानकारी के अनुसार मामूली मरम्मत के बाद,इस एंबुलेंस को सहजता के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन,अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किए जाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।