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शायर मंजर भोपाली के घर का बिजली बिल आया 36 लाख रुपये, विद्युत कंपनी ने स्‍वीकारी गड़बड़ी

भोपाल। विद्युत उपभोक्‍ताओं को अक्‍सर बिजली बिलों में गड़बड़ी के झटके लगते रहते हैं। ताजा मामला भोपाल के मशहूर शायर मंजर भोपाली का है, जिनके घर का बिजली बिल 36 लाख 86 हजार 660 रुपए आया है। यह बिल मई महीने की खपत का है, जिसे शायर ने रविवार इंटरनेट मीडिया पर साझा कर उनके साथ मजाक बताया है। वहीं बिजली कंपनी ने कहा कि रीडिंग लेने में मीटर रीडर से चूक हुई थी, जिसे तीन दिन पहले चार जून को सुधार दिया था। वास्तविक खपत 900 यूनिट है, जिसका बिल करीब 11000 रुपए है। यह जानकारी मंजर भोपाली को दे दी गई है।

ऐसे हुई गड़बड़ी

बिजली कंपनी ने हाल में मीटर रीडर बदले हैं। नया रीडर रीडिंग लेने चार जून को पहुंचा था। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक मंजर भोपाली के घर पर मीटर 15 फीट ऊपर लगा है। मीटर रीडर ने ठीक से रीडिंग देखने की बजाय नीचे से रीडिंग देखी थी। इस तरह उसने अभी तक की कुल खपत यूनिट 44 हजार को 4 लाख पढ लिया था, लेकिन उसे लगा कि इतनी खपत नहीं हो सकती तो उसने बिल की हार्ड कॉपी नहीं दी थी। यह भी बताया था कि बिल की जांच करने के बाद हार्ड कॉपी दी जाएगी। हालांकि मीटर रीडिंग को ऑनलाइन व्यवस्था के तहत जोड़ा गया है, इसलिए रीडिंग लेते ही यह बिल तुरंत ऑनलाइन हो गया। जिसका मैसेज ऑनलाइन बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के पास पहुंच जाता है।

मंजर भोपाली ने इंटरनेट मीडिया पर डाली है यह पोस्ट

एमपी गजब है, सब से अजब है। इस नारे की सच्‍चाई 36,86,660 रुपए का यह मेरे घर का एक महीने (मई) का बिल दर्शाता है। इस तरह का मजाक कोरोना काल में एक शायर के लिए ठीक नहीं है। लॉकडाउन और कोविड की वजह से शायर के कलम की स्याही तक सूख चुकी है। ऐसे में यह 36 लाख रुपए कहां से भरे जाएं? ये बिल रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचारी का खुला दावतनामा है।

हमें भी पता है कि किसी उपभोक्ता का एक महीने का घरेलू बिजली बिल 36 लाख रुपए का किसी भी स्थिति में नहीं हो सकता। यह साफ तौर पर रीडिंग लेने में चूक है, जिसे रीडिंग लेने के तुरंत बाद स्वीकार कर लिया था और उसी दिन सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मैंने खुद मंजर भोपाली से दूरभाष पर बात करके पूरी जानकारी दे दी है।-डीके तिवारी, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल