ब्रेकिंग
भाटापारा में ब्राउन शुगर का कारोबारी गिरिफ़्तार,ड्रग्स विभाग निष्क्रिय,युवाओं का भविष्य अंधकार में ,गृह मंत्री त्यागपत्र देवे—सुशील शर्मा भाटापारा/सिमगा के शराब दुकानों में शराब ओवर रेट पर बिक्री की जा रही है-प्रशासन तत्काल बंद कराये-सुशील शर्मा युवा ब्राह्मण समाज भाटापारा का द्वितीय चरण का वृक्षारोपण कार्यक्रम:- युवा ब्राह्मण समाज एवं मयूर परिवहन के संयुक्त तत्वाधान में वृक्षारोपण का कार्यक्र... विधायक ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से भाटापारा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की रखी मांग भाटापारा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की मांग - विधायक ... युवा ब्राह्मण समाज भाटापारा के प्रथम आयोजन में ,श्री पावन धाम कामधेनु गौशाला मे गौ पूजन,वृक्षारोपण एवं प्रसादी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ छत्तीसगढ़ स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल हुए, विधायक बेहतर खेल सुविधा मेरी प्राथमिकता - इन्द्र साव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रभुराम से प्रदेश वासियों की खुशहाली की कामना की भाटापारा में राम भक्तों की टोलियों को किया सम्मानित भाटापारा शहर में आयोजित राम सप्ताह कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं एवं आमजनों की सुविधा के लिए समुचित यातायात एवं पार्किंग की व्यवस्था अपने 8 माह की नाकामी छुपाने प्रदेश सरकार विपक्ष के नेताओं को कर रही परेशान::-इंद्र साव बलौदा बाजार की घटना देश को शर्मसार करने वाली :-सत्यनारायण शर्म... नगर साहू समाज महिला प्रकोष्ठ की बहनों ने विधायक इन्द्र साव को बांधी राखी

वेयान बना देश का पहला गांव जहां 18 आयु वर्ग से पार कोई कोरोना की सुई से नहीं बचा

श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर में दुर्गम पहाड़ियों के बीच बसा वेयान यूं तो देश के पिछड़े गांवों में गिना जाता है, लेकिन कोरोना टीकाकरण के मामले में यह सबसे आगे है। गांव में 18 आयु वर्ग के पार काे अब ऐसा काेई नहीं जिसने काेरोना वैक्सीन की पहली या फिर दोनों डोज न ली हों। इस उपलब्धि ने इस गांव को देश का पहला गांव बना दिया है। इसका श्रेय जम्मू-कश्मीर में अपनाए गए टीकाकरण के मॉडल को जाता है। इस मॉडल के तहत प्रशासन ने ग्रामीणों के टीकाकरण केंद्र में पहुंचने तक इंतजार करने के बजाय उन तक खुद पहुंच, टीका लगाने की कार्य योजना पर काम किया।

लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठन का मजबूत किला कहलाने वाले बांडीपोर के इस गांव वेयान की लगभग 99वें फीसद आबादी गुज्जर-बक्करवाल समुदाय पर आधारित है। इनमें से अधिकांश घुमंतु हैं जो अकसर गर्मियों में अपने माल मवेशी के साथ उच्चपर्वतीय इलाकों में डेरा लगाते हैं। गांव में इंटरनेट की सुविधा, सड़क, पेयजल नहीं है। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है, क्योंकि आतंकवाद के चलते गांव में विकास की बयार पूरी तरह नहीं फल-फ़ूल सकी है।

एलओसी के साथ सटे जिला बांडीपोर मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर बसे वेयान में प्रत्येक बालिग को टीका लगाए जाने की पुष्टि करते हुए चीफ मेडिकल आफिसर बांडीपोर डॉ बशीर अहमद खान ने कहा इस गाांव में पहुंचने के लिए हमारे लोगों को रोजाना 18 किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता था। यह गांव एक पहाड़ी पर बसा हुआ है। शुरु के 10 किलोमीटर तक ही सड़क है। आगे के 18 किलोमीटर की यात्रा के दौरान आपको पहाड़, नाले और जंगल से गुजरना पड़ता है। गांव में कुल 362 लोगों को टीका लगाया गया है।

क्या है जम्मू-कश्मीर का टीकाकरण मॉडल : जम्मू-कश्मीर के इम्यूनाईजेशन अधिकारी डॉ शाहिद हुसैन ने बताया कि हमारा टीकाकरण मॉडल 10 बिंदुओं पर आधारित है। इसमें टीकाकरण योग्य आबादी तक पहुंच बनाने के लिए पहले बूथ स्तर पर प्रयास किया गया। उसके बाद दूरदराज की आबादी के लिए वैक्सीन ऑन व्हील्स का अभियान चलाया गया। इसके साथ हमने एक दिन में यथा संभव अधिकतम जगहों पर पहुंचकर ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए टीकाकरण के सत्र आयोजित किए। हमने प्रत्येक टीकाकरण स्थल पर जाने से पहले उसकी माइक्रो प्लानिंग की और इसमें पुलिस व मीडिया की मदद भी ली। प्रत्येक जिले में डाॅक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण के लिए विशेष दल तैयार किए। इनमें उन्हीं स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया जाे स्वेच्छा से अवकाश के दिन भी काम करने को तैयार थे। हमनेे विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों जिनमें अध्यापक और बूथ स्तरीय अधिकारी व ग्राम सेवक शामिल हैं, की मदद भी ली। इन लोगों को पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने प्रशिक्षण प्रदान किया था।

जम्मू कश्मीर में 45 पार के 72 फीसद लोगों को लग चुकी है वैक्सीन: जम्मू कश्मीर में 45 के पार की लगभग 72 फीसद आबादी का टीकाकारण हो चुका है। जम्मू, शोपियां और गांदरबल में सौ फीसद टीकाकरण हो चुका है। सांबा जिले में 98.37 फीसद लोग टीका लगवा चुके हैं। हालांकि कश्मीर घाटी में कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली विभिन्न भ्रांतियों के चलते कश्मीर में टीकाकरण की गति बहुत धीमी थी,लेकिन बीते 20 दिनों के दौरान इसने जोर पकड़ लिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा लगातार कोरोना टीकाकरण की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा था कि उनकी क्षमता और योग्यता का आकलन कोविड प्रबंधन और टीकाकरण में उपलब्धियों के आधार पर ही होगा।