इंटेलिजेंस सूचना, अशोक गहलोत कैंप के कुछ विधायक सचिन पायलट के संपर्क में
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर एक बार फिर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकोें ने पार्टी आलाकमान को अल्टीमेटम दिया है कि या तो जुलाई तक मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने का वादा पूरा करो, नहीं तो वे आगे निर्णय लेने में स्वतंत्र हैं। पिछले दो दिन में एक दर्जन विधायकों ने पायलट के घर अलग-अलग बैठक कर एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई।
पायलट खेमा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से अगले माह मुलाकात का समय मांगेगा। विधायकों के साथ ही जिला प्रमुख, प्रधान,स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों और जिला स्तर के कांग्रेसियों से भी पायलट की बात होने की जानकारी है। दोे दिन बाद स्व.राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर हर साल की तरह शुक्रवार को होने वाली प्रार्थना सभा में अपनी ताकत दिखाने की रणनीति भी पायलट कैंप ने बनाई है।
उधर इंटेलिजेंस ब्यूरो से मिली जानकारी के बाद सरकार ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और गुजरात से सटे बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है। कभी भी बॉर्डर सील हो सकता है। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सरकार को इनपुट दिया कि पायलट समर्थक विधायक दिल्ली अथवा पड़ौसी राज्यों में जाकर एक बार फिर बाड़ेबंदी कर सकते हैं। विधायकों के साथ स्थानीय निकाय व पंचायत प्रतिनिधियों के भी जाने की सूचना है । इंटेलिजेंस सूचना है कि इस बार गहलोत कैंप के कुछ विधायक भी पायलट के संपर्क में है । मौका मिलते ही वे ही पाला बदल सकते हैं
दोनों खेमे सक्रिय हुए,आलाकमान की नजर
बुधवार सुबह से ही गहलोत और पायलट खेमे सक्रिय हो गए। गहलोत के विश्वस्त संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया,राज्यमंत्री सुभाष गर्ग, विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने अपने कैंप के विधायकों को फोन कर उनका मन टटोला। कुछ से व्यक्तिगत मुलाकात भी की। साथ ही पायलट समर्थक विधायकों से भी बात की। उधर पायलट के विश्वस्त विधायक रमेश मीणा,मुरारी मीणा व वेदप्रकाश सोलंकी ने अपने खेमे के विधायकों को एकजुट करने की तैयारी शुरू की है। ये विधायक निर्दलीयों के साथ ही बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों से भी संपर्क साध रहे हैं।
पंजाब पर ध्यान, लेकिन हमारी सुनवाई क्यों नहीं
पायलट खेमे ने कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल,प्रदेश प्रभारी अजय माकन से बात कर कह कि जब पंजाब के विवाद को लेकर आलाकमान इतनी सक्रियता देखा सकता है तो राजस्थान के मामले में दिलचस्पी क्यों नहीं ले रहा। पंजाब के नेताओं से आलाकमान की कमेटी ने बात भी कर ली। लेकिन राजस्थान को लेकर बनाई गई समिति की एक भी अधिकारिक बैठक नहीं हुई ।