काेराेना ने बदला सिस्टम, जिनकी पहचान नहीं उन्हें भी मिलेगा राशन
ग्वालियर। कोरोना ने कई व्यवस्थाओं को बदल दिया है। इनमें से एक सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली भी है। जहां पहले 24 श्रेणियों के लोगों को राशन मिलता था, अब छूटे लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए अस्थाई पर्ची का सिस्टम लाया गया है। साथ ही सरकार ने इसमें अब एक नई श्रेणी और जोड़ दी है। इसमें खुद की कोई पहचान न रखने वाले भिखारियों और चलते-फिरते मदद (रुपये) मांगने वालों को शामिल किया गया है। ग्वालियर में इनकी संख्या करीब 10 हजार आंकी जा रही है। इन्हें पीडीएस सिस्टम से जोड़ने की कवायद शुरू की जा रही है।
ज्ञात रहे कि कोरोना काल में ग्वालियर प्रशासन ने 30 हजार लोगों को कच्चा व पक्का राशन देने का सिस्टम बनाया था। इसमें समाजसेवी सहित कई लोगों की मदद ली थी। वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 10 किलो गेंहू प्रति व्यक्ति वितरण भी शुरू हो गया है। नए बदलाव में ओला पीड़ितों को राशन वितरण से हटाया गया है।
पीडीएस से स्थाई मिलेगा राशन: कोरोना काल में क्यूआर कोड वाली पर्चियों का सिस्टम अस्थाई है, लेकिन भिखारियों को जोड़ने वाली नई श्रेणी स्थाई रहेगी। ऐसे लोग जिले की किसी भी राशन की दुकान से राशन ले सकेंगे।
30 हजार घरों तक पहुंचता था राशन: अचानक लाकडाउन हो जाने के कारण कच्चे और पक्के भोजन के लिए लोगों ने मांग की। इसमें गरीब, बेसहारा से लेकर नौकरीपेशा लोग तक शामिल थे।
वर्जन-
बेसहारा घूमने वाले और भीख मांगने वाले लोगों को पीडीएस सिस्टम में जोड़ा गया है। इनकी नई श्रेणी को बढ़ाया गया है, जबकि एक श्रेणी को हटाया भी गया है। ग्वालियर में राशन वितरण की नई श्रेणी में जुड़ने वाले करीब 10 हजार लोग संभावित हैं। इन्हें जोड़ने को लेकर कवायद की जा रही है।
सीएस जादौन, जिला आपूर्ति अधिकारी, ग्वालियर