ब्रेकिंग
भाटापारा में स्वीकृत 100 बिस्तर के अस्पताल को कांग्रेस सरकार ने रोक दिया,,, केंद्र सरकार शिवरतन शर्मा की मांग पर यहां 50 बिस्तर का अस्पताल स्वीकृत किय... भाटापारा विधानसभा भाजपा प्रत्याशी के पास है विकास कार्यों की लंबी सूची तो कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश सरकार के कार्यों के दम पर लड़ेगी चुनाव शिवरतन ने आज तक जो जो वादा किया सभी को पूरा किया भाजपा सरकार आते ही भाटापारा बनेगा स्वतंत्र जिला- शिवरतन शर्मा ED का गिरफ्तार एजेंट के हवाले से दावा:महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटर्स ने CM बघेल को दिए 508 करोड़ रुपए बीजेपी ने 4 उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 7 प्रत्याशियों की सूची जारी, अब सभी 90 सीटों पर कांग्रेस के नाम घोषित 22 विधायकों का टिकट कटा, कसडोल से शकुंतला साहू की भी ट... भाटापारा विधानसभा में शिवरतन शर्मा से सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र साव का होगा, सुनील, सतीश, सुशील, चेतराम को पछाड़ कर इंद्र ने अपने नाम की टि... छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 53 नामों वाली दूसरी सूची जारी हुई, 10 विधायकों का टिकट कटा, भाटापारा से इंद्र साव, बलोदा बाजार से शैलेश नितिन त्रिवेदी को मि... छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 30 नामो वाली सूची जारी, 8 विधायकों का टिकट कटा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही भाजपा ने की 64 नाम की घोषणा, भाजपा की वायरल हुई सूची सच साबित हुई

कर्नाटक भाजपा प्रभारी अरुण सिंह बोले- नहीं बदला जाएगा प्रदेश मुखिया, शानदार काम कर रहे हैं CM बीएस येदियुरप्पा

बेंगलुरु। कर्नाटक में इन दिनों प्रदेश भाजपा प्रमुख को बदलने के संदर्भ में राजनीति तेज हो गई है। हालांकि, मौजूदा कर्नाटक भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने साफ कर दिया है कि भाजपा प्रमुख को नहीं बदला जाएगा यह सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है। आगे उन्होंने कहा कि पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन का काम अच्छा चल रहा है। हम जमीनी स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को लेकर भी अपना बयान दिया। अरुण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अच्छे मुख्यमंत्री है। वह अच्छा काम कर रहे हैं। वह सीएम पद पर बरकरार रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी  मंत्रियों के साथ मिलकर कोरोना में भी अच्छा कार्य किया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों खबर आई आई थी कर्नाटक में भाजपा में ही दो धड़े आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सरकार भी अंदरूनी कलह से फंसी। इस दौरान येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने तक की चर्चा गर्म हो गई थी। हालांकि, उनके समर्थक करीब 65 विधायकों ने विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने पत्र लिखकर ऐसे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई लेने की मांग कर दी थी ,जो अपनी गतिविधियों से सरकार के लिए परेशानी का सबब बन रहे थे।

गौरतलब है कि येदियुरप्पा के खिलाफ पार्टी के अंदर आक्रोश समय-समय पर सामने आता रहा है। ताजा विवाद की जड़ में फंड एलोकेशन को लेकर पिछले साल हुई एक मीटिंग है। विधानसभा क्षेत्रों के लिए फंड एलोकेशन पर हुई आंतरिक बैठक में भाजाप के कुछ विधायकों ने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्च खोल दिया था। फिर कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री अपने विधायकों के निशाने पर आ गए थे। पिछले दिनों पंचामशाली लिंगायतों को आरक्षण के मुद्दे पर भी विवाद हुआ और फिर कोविड मैनेजमेंट को लेकर भी सीएम अपने मंत्रियों और विधायकों के निशाने पर रहे हैं।