बंगाल में भाजपा को लग सकता है बड़ा झटका, आज मुकुल रॉय तृणमूल में कर सकते हैं ‘घर वापसी’
कोलकाता। बंगाल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को एक और बड़ा झटका लग सकता है। बंगाल में भाजपा के बड़े नेता व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय आज घर वापसी कर सकते हैं। यानी उनके तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापस लौटने की अटकलें हैं। बताया जा रहा है कि वह आज अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। इसके तहत वह आज दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता स्थित तृणमूल मुख्यालय में मुलाकात कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि इस बैठक में ममता बनर्जी के भतीजे सांसद व हाल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किए गए अभिषेक बनर्जी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इस बारे में न तो तृणमूल कांग्रेस और ना ही मुकुल की ओर से कुछ स्पष्ट किया गया है। गौरतलब है कि मुकुल एक समय ममता बनर्जी के सबसे खास माने जाते थे, लेकिन मतभेद के कारण 2017 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, हाल में संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से मुकुल लगातार भाजपा के साथ दूरी बनाकर चल रहे हैं। वह हाल में पार्टी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। ऐसे में उनकी घर वापसी को लेकर लगातार अटकलें चल रही थी। इस बीच आज उनके ममता बनर्जी के साथ मुलाकात की खबर के बाद राजनीतिक पारा गरम है। गौरतलब है कि इस वक्त भाजपा में ऐसे कई नेता हैं, जो टीएमसी में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि मुकुल ने इस बार विधानसभा चुनाव में नदिया जिले के कृष्णानगर सीट से जीत भी दर्ज की है।
इस वजह से छोड़ रहे भाजपा
सूत्रों का कहना है कि बंगाल भाजपा में सुवेंदु अधिकारी का कद लगातार बढ़ रहा है। उन्हें नेता विपक्ष भी बनाया गया है। ऐसे में मुकुल रॉय की बेचैनी लगातार बढ़ रही थी, जिसके चलते उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी में लौटने का मन बना लिया।
टीएमसी नेता ने दिए थे संकेत
गौरतलब है कि हाल में टीएमसी के वरिष्ठ नेता व सांसद सौगत रॉय ने भी मुकुल की घर वापसी को लेकर संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, ‘ऐसे कई लोग हैं, जो अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं और वापस आना चाहते हैं। मुझे लगता है कि पार्टी छोड़कर लौटने वालों को दो कैटिगरी में बांटा जा सकता है। ये हैं सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर। सॉफ्टलाइनर वे हैं, जिन्होंने पार्टी तो छोड़ी, लेकिन ममता बनर्जी का कभी अपमान नहीं किया। हार्डलाइनर वे हैं, जिन्होंने ममता बनर्जी के बारे में सार्वजनिक रूप से बयान दिए। अहम बात यह है कि मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी पर निजी तौर पर कोई आरोप नहीं लगाए। ऐसे में उन्हें सॉफ्टलाइनर माना जाता है।
बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दल बदल कर भाजपा का झंडा थामने वाले नेताओं में बेचैनी बढ़ती जा रही है। अपनी मौजूदा पार्टी और नेताओं को नसीहत देकर तृणमूल नेतृत्व को संदेश देने में जुटे हैं कि वह भी लौटना चाहते हैं। सोनाली गुहा से लेकर राजीब बनर्जी का नाम खासकर मीडिया में बार-बार उछल रहा है। ऐसा लग रहा है कि सभी दलबदलु तृणमूल में वापस जाना चाहते हैं।