ब्रेकिंग
भेंट मुलाकात कार्यक्रम में जिला या निगम की बड़ी घोषणा की उम्मीद ध्वस्त,जनमानस में निराशा सिमगा :- सोसल मिडिया में भा्रमक जानकारी प्रसारित करने पर साहू समाज एवं चंदेरी के ग्रामिण हुए नाराज ज्ञापन सौप कर की कार्यवाही की मांग मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम से क्षेत्रवासियों को थी बड़ी उम्मीद मिली निराशा ,स्थानीय नेताओं को नही मिला महत्व, सोसल मीडिया जीवी सीएम के समक्... मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम से क्षेत्रवासियों को थी बड़ी उम्मीद मिली निराशा स्थानीय नेताओं को नही मिला महत्व , सोसल मीडिया जीवी सीएम के सामन... मुख्यमंत्री अगर जनसंपर्क के लिए आये है तो उन्हें जनप्रतिनिधियों की भी बात सुननी चाहिये-शिवरतन शर्मा विधायक को जिले व अन्य मुद्दों पर बैचैन होने की जरूरत नहीं है-सुशील शर्मा मंडी अध्यक्ष सुशील शर्मा ने पोहामिलर्स व राईसमिलर्स के पदाधिकारियों सहित मिल कांटा हम्माल के सभी सदस्यों की बैठक लेकर पारिश्रमिक के संबंध विवाद को निप... शिवरतन शर्मा ने भेंट मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री बघेल को भाटापारा जिला बनाने की बात दिलाई याद, विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात करने में भ... भाटापारा। भाटापारा ग्राम कड़ार एवं सिंगारपुर 15 मई 2023 को भेंट मुलाकात करने पहुंचेंगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बच्चों के लिए आयोजित दिव्य मुस्कान समर कैंप के समारोह में मुख्य अतिथियों के रूप में उपस्थित हुवे सुशील शर्मा

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बड़े बदलाव को मंजूरी, फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ सभी इंजीनियरिंग कोर्स के लिए जरूरी नहीं

नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव को मंजूरी दी गई है। इसमें अब 12वीं में बगैर फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ यानी भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित की पढ़ाई किए भी छात्र इंजीनियरिंग के कुछ चुनिंदा पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे। इन पाठ्यक्रमों में बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स शामिल हैं।

कुछ खास कोर्सों के लिए PCM जरूरी नहीं

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे ने इन बदलावों को लेकर उठे विवादों के बीच यह साफ किया कि फिजिक्स, केमेस्ट्री और गणित जैसे विषय इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अहम है, लेकिन इंजीनियरिंग के कुछ खास कोर्सों के लिए यह जरूरी नहीं है, इनमें बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स शामिल हैं।

बदलाव अनिवार्य नहीं

एआइसीटीई के शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए जारी हैंडबुक को जारी करते हुए प्रोफेसर सहस्त्रबुद्धे शुक्रवार को पत्रकारों से वर्चुअल चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस बदलाव को अनिवार्य नहीं किया गया है। इसे सिर्फ एक विकल्प के रूप में रखा गया है, जिसे कोई भी राज्य या इंजीनियरिंग संस्थान अपनाने के लिए बाध्य नहीं है। वे पहले की तरह फिजिक्स, केमेस्ट्री और गणित(पीसीएम) के अपने पैटर्न पर इंजीनियरिंग में प्रवेश की प्रक्रिया को जारी रख सकते हैं।

मातृभाषा में पढ़ाई को तरजीह 

एक सवाल के जबाव में उन्होंने बताया कि नीति में फिलहाल मातृभाषा में पढ़ाई को प्रमुखता दी गई है। वैसे भी एक सर्वे के मुताबिक करीब 42 फीसद बच्चे अपनी मातृभाषा में ही इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। यह स्थिति तब है, जब इन छात्रों ने 12वीं तक की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से किया था। बावजूद इसके अब वह तमिल, बांग्ला और मराठी भाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं

इंजीनियरिंग की पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी में जरूरी नहीं 

प्रोफेसर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि यदि कोई अपनी मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता है, वह उसका चुनाव कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी में ही हो सकती है, जबकि ऐसा नहीं है, मातृभाषा में भी बेहतर कंटेट के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो सकती है। हम उस दिशा में काम भी कर रहे है। उन्‍होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में वह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक और भी बदलावों को लेकर आगे बढ़ेंगे।