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मंच पर नाट्य रूप में दिखाई फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी

भोपाल। राजधानी भोपाल में स्थित गांधी भवन में चल रहे नाट्य समारोह के दूसरे दिन रविवार शाम को नाटक ‘नकबेसर’ का मंचन किया गया। निर्देशन आनंद मिश्रा का था, जबकि मंच पर अपने अभिनय के जरिए इसे पेश करने का जिम्‍मा अक्षदा सोशल वेलफेयर सोसायटी के कलाकारों ने संभाला।

यह नाटक दरअसल फणीश्वरनाथ रेणु के आत्म-रेखाचित्र एक बुलंद खुदी… उर्फ मशहूर ‘नकबेसर’ का किस्सा है एवं पांडुलेख पर केंद्रित है। रेणुजी इस रेखाचित्र के माध्यम से कहते हैं कि जो चित्रगुप्त महाराज ने लिख दिया, वही जीवन में उन्होंने किया है। वो ये भी कहते हैं कि भगवान चित्रगुप्त ने उन्‍हें धरती की विशेष मांग पर भेजा है। वो पहले प्रकाशन से लेकर जीवन के संघर्ष जैसे मिठाई की दुकान की मैनेजरी, लाइब्रेरियन की नौकरी आदि का जिक्र करते हैं। वह विभिन्न संगठनों में जुड़कर देश्‍ा की आजादी के लिए क्रांतिकारियों के साथ जेल गए और अंग्रेजों की लाठियां भी खाईं। यह सब उनकी रचना प्रक्रिया में दिखता है।

इतना ही नहीं, उन्होंने गांव में जो जीवन रस प्राप्त किया, वह भी उनकी रचनाओं में रेखांकित होता हैं। रेणुजी ने एक बार ये भी कहा था कि वह अपनी आत्मकत्था में सच और सिर्फ सच ही लिखेंगे। ऐसा उन्‍होंने अपने मित्रों को वचन भी दिया था। इस नाटक में शिवेंद्र सिंह, अजय दाहिया, प्रभाकर द्विवेदी, प्रदीप तिवारी, प्रफुल्ल तिवारी, मुकेश गौर, सुमुख मिश्र, आमिर रजाक, भूमिका ठाकुर, मोनिका विश्वकर्मा, जूली, प्रिया, देवांश बघेल ने सराहनीय अभिनय पेश करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्‍ध कर दिया।