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अल-बदर आतंकी उमर, जाहिद, दानिश ने नहीं मानी तौसीफ की बात, मुठभेड़ में मारे गए

श्रीनगर। उमर, जाहिद और दानिश तुम मेरी बात मानों और मेरी तरह सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दो। इन्होंने मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है और वायदा किया है कि आत्मसमर्पण करने पर तुम्हे भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। मैं तुमसे गुजारिश करता हूं कि तुम अपने हथियार डालकर बाहर आ जाओ। अल-बदर में कुछ ही माह पहले शामिल हुए तौसीफ अहमद ने बार-बार अपने साथियों से अपील की परंतु वे नहीं माने। तौसीफ से पहले सेना के अधिकारियों ने भी तीनों आतंकियों को यह विश्वास दिलाया था कि यदि वे हथियार डाल देते हैं तो उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा परंतु शायद वे तौसीफ की तरह भाग्यशाली नहीं थे। नतीजतन करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद तीनों आतंकियों को एक-एक कर सेना ने ढेर कर दिया।

पुलिस को सूचना तंत्रों से यह पुख्ता जानकारी मिली कि हाल ही में अल-बदर में शामिल हुए तीन से चार स्थानीय आतंकी दक्षिण कश्मीर के जिला शोपियां के कंनीगाम इलाके के इमाम साहिब मुहल्ले में छिपे हुए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस की एसओजी, सेना की 44आरआर बटालियन व सीआरपीएफ जवानों के साथ रात डेढ़ बजे के करीब इलाके में पहुंच गए। इमाम साहिब मुहल्ले की घेराबंदी पूरी होने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश शुरू कर दी। जैसे ही सुरक्षाकर्मी आतंकियों के नजदीक पहुंचे उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी।

जवाब में गोलीबारी शुरू करने से पहले सेना ने चारों आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। इस पर भी आतंकियों ने गोलीबारी जारी रखी। इस पर सेना ने एक बार फिर चारों आतंकियों को उनके परिजनों का हवाला देते हुए हथियार छोड़ बाहर आने के लिए कहा। परिवार का जिक्र आते ही तौसीफ अहमद का दिल बदल गया और उसने अपने साथियों को आत्मसमर्पण करने की बात कही। तीनों ने उसे नहीं रोका। सेना की अपील पर तौसीफ हथियार वहीं छोड़ हाथ ऊपर करते हुए बाहर आ गया और सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

इस पर सुरक्षाबलों ने उसके इस कदम की सराहना करते हुए अपने दूसरे साथियों को भी हथियार डालने को मनाने के लिए कहा। तौसीफ ने माइक लिया और अपने साथियों से बार-बार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। परंतु उन्होंने उसकी बात नहीं मानी। जवाब में उन्होंने सेना पर ग्रेनेड हमला कर दिया। इस हमले में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। अब सुरक्षाबलों को यह यकीन हो गया कि ये तीनों आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान तीनों आतंकियों उमर, जाहिद और दानिश को मार गिराया गया।

अपने साथियों के मारे जाने के बाद तौसीफ ने सेना से कहा कि शायद उसके साथी उसकी तरह भाग्यशाली नहीं थे। उसने आत्मसमर्पण करने का मौका देने पर सेना, सीआरपीएफ और पुलिस का आभार व्यक्त किया। इसी के साथ उसने आतंकी संगठनों में शामिल स्थानीय युवाओं से अपील की कि वह आतंकवाद का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। आतंकवाद में कुछ नहीं रखा है। जिंदा रहकर कश्मीर की बेहतरी और परिवार के लिए काम करें। सेना ने आतंकी तौसीफ को बाद में पुलिस के हवाले कर दिया।