कोरोना मरीजों को मौत बांटने वाले गैलेक्सी अस्पताल का पंजीयन निरस्त
जबलपुर। ऑक्सीजन की कमी से गैलेक्सी अस्पताल में तड़प तड़पकर जान गंवाने वाले कोरोना मरीजों के स्वजन को न्याय मिलने की उम्मीद जाग गई है। लापरवाही से हुई पांच मरीजाें की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी ने गैलेक्सी अस्पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की अनुसंशा की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी रिपोर्ट में यह पाया गया है कि 24 अप्रैल की रात गैलेक्सी अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही के कारण पांच मरीजाें की मौत हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैलेक्सी अस्पताल को दी गई कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति/पंजीयन निरस्त कर दिया गया है।
जांच समिति को मिली यह खामियां: जिला स्तरीय समिति ने पाया कि गैलेक्सी अस्पताल में स्वीकृत क्षमता से ज्यादा संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया था। रात में जब मरीजों की मौत हुई तब अस्पताल में कोई जिम्मेदार मैनेजर मौजूद नहीं था। ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए अस्पताल ने जिस कर्मचारी की ड्यूटी लगाई थी वह प्रशिक्षित नहीं था। घटना के बाद कर्मचारियों का भाग जाना यह दर्शाता है कि लापरवाही ने मरीजों की जान ली थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने घेरा तब जारी की रिपोर्ट: उखरी चौक स्थित गैलेक्सी अस्पताल में 24 अप्रैल को ऑक्सीजन न मिलने के कारण कोरोना संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो गई थी। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के निर्देश पर जिला स्तरीय जांच समिति बनाई गई थी। कलेक्टर ने निर्देश दिए थे कि 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंप दी जाए। इसी बीच गैलेक्सी अस्पताल प्रबंधन ने कलेक्टर के माध्यम से रेडक्रॉस सोसाइटी में 25 लाख रुपये दान कर दिए। इसके बाद पांच मरीजों की अकाल मौत का मामला घोलकर पी जाने की तैयारी थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन को आईना दिखाने की कोशिश की जिसके बाद आनन-फानन में जांच रिपोर्ट जारी की गई।
विवादों में जांच समिति और रिपोर्ट: जिला स्तरीय जांच कमेटी रिपोर्ट देने के बावजूद विवादों में घिर गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आरोप के बाद कमेटी ने आनन-फानन में जांच रिपोर्ट जारी कर दी परंतु अस्पताल संचालकों को बचाने का प्रयास किया गया जानकारों का कहना है कि लेनदेन कर इस तरह की रिपोर्ट तैयार की गई है। कमेटी पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि गैलेक्सी अस्पताल के कर्ता-धर्ताओं को बचाने की कोशिश की जा रही है। इसीलिए जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन को लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करने की छूट दे दी गई। जबकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा जाना था कि मरीजों को मौत बांटने वाले इस अस्पताल के संचालकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जाए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा अस्पताल के संचालन और कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति देते समय जिन संचालकों के नाम दर्ज किए थे, जांच रिपोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का जिक्र किया जाना था।