सीएम भरोसे सरकार, बचाव से भाग रहे मंत्री-विधायक
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार और संगठन दोनों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन सरकार के अंग माने जाने वाले मंत्री और विधायकों की सक्रियता पर सवाल उठ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता के बीच मंत्री अचानक नदारद हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव काे छोड़ दिया जाए, तो बाकी मंत्री अपनी विधानसभा तक में सीमित हो गए हैं।
जबकि मंत्रियों की जिम्मेदारी प्रदेश स्तर पर सरकार के बचाव से लेकर कोरोना से बचाव के इंतजाम में महत्वपूर्ण मानी जाती है। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो भाजपा के आरोपो का पूरी तरह से सरकार की तरफ से जवाब नहीं आने के कारण स्थिति बिगड़ी है।
प्रदेश में कोरोना टीकाकरण को लेकर भ्रम की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में है। टीका लगाने वालों पर गांव में हमला तक कर दिया गया, लेकिन किसी भी मंत्री ने यह संदेश देना तक उचित नहीं समझा कि टीकाकरण से कोई नुकसान नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि मंत्री अपने जिले में ही लोगों को यह समझाने में असफल रहे हैं कि टीकाकरण सुरक्षित है।
सरकार ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है, लेकिन वे भी अपनी विधानसभा तक सीमित हैं। सरकार ने जब से विधायकों की निधि को वैक्सीन खरीदी के लिए आरक्षित किया है, उसके बाद से कांग्रेस विधायकों की भी सक्रियता अचानक कम हाे गई है। सरकार का पक्ष रखने के लिए दो मंत्री मोहम्मद अकबर और रविंद्र चौबे को जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन उनके जवाब भी जनता तक नहीं आ पा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि मोहम्मद अकबर कोरोना संक्रमित हो गए थे। जबकि रविंद्र चौबे रायपुर के आलावा अपने क्षेत्र में सक्रिय होने के कारण सरकार का मजबूती से पक्ष नहीं रख पा रहे हैं। विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए कांग्रेस के मीडिया विभाग काे आगे किया जाता है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं।
प्रभारी मंत्री और सचिव की जिलों में नहीं दिख रही भूमिका
सरकार ने कामकाज की मानिटरिंग के लिए जिले में प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव नियुक्त किए हैं। कुछ जिलों में प्रभारी मंत्री ने वर्चुअल बैठक ली, लेकिन सरगुजा और बस्तर के कई जिले ऐसे हैं, जहां पिछले छह महीने से प्रभारी मंत्री ने सुध नहीं ली।
इससे भी खतरनाक स्थिति यह है कि प्रभारी सचिवों ने पिछले एक साल में कोई बैठक नहीं ली। जबकि जिलों में फैले संक्रमण से बचाने के लिए कलेक्टरों को अधिकार दिया गया है। कई जिलों में कलेक्टरों की नासमझी और देर से लिए निर्णय के कारण कोरोना में लोगों को जान गंवानी पड़ी
भाजपा के छह बड़े नेता रोज घेर रहे सरकार को
छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायकों की संख्या महज 14 है, लेकिन छह वरिष्ठ नेता रोज सरकार को अलग-अलग विषयों पर घेर रहे हैं। शराब की होम डिलीवरी से लेकर कोरोना वैक्सीन के मुद~दे पर पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल और सांसद संतोष पांडेय सरकार को घेर रहे हैं
नहीं बने राजीव भवन में कोविड सेंट
कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में अप्रैल में तय किया गया था कि जिलों में मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। मरीजों की सुविधा के लिए राजीव भवन में कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। अब तक एक भी जिले में यह सेंटर नहीं शुरू हो पाया है। अब संगठन ने मेरा बूथ कोरोना मुक्त बूथ अभियान शुरू किया है। विपक्ष का आरोप है कि किसी भी बूथ में कांग्रेस नेता सक्रिय नहीं हैं। प्रदेश पदाधिकारी से लेकर विधायकों की उपस्थिति नजर नहीं आ रही है।
जानिए क्या बोल रहे नेताजी…
‘प्रदेश में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि सभी जिलों में राजीव भवन में कोविड सेंटर बनाया जाएगा, लेकिन एक भी जिले में नहीं बनाया गया। आयुष्मान भारत योजना से लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है। यह सरकार कोरोना से बचाव के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है।
-अजय चंद्राकर, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
‘विपक्ष सिर्फ आरोप लगाकर भागने का काम कर रही हैं। नेता प्रतिपक्ष ने पीएम केयर से वेंटिलेटर खरीदी का गलत आरोप लगाया। वैक्सीन में सरकार ने अंत्योदय को लगाने का फैसला किया तो उसे जातिगत आरक्षण बताया। सेवा ही संगठन के नाम पर भाजपा दिखावा कर रही है।’
-शैलेष नितिन त्रिवेदी, चेयरमैन, कांग्रेस मीडिया विभाग