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आरजीपीवी, एनबीए से किसी कोर्स को मान्यता दिला नहीं सके; नैक ‘ए’ ग्रेड की वैधता भी खत्म

भोपाल: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयप्रदेश का इकलौता प्रौद्याेगिकी विश्वविद्यालय संबद्ध कॉलेजों से पिछड़ रहानैक ने 2017 में बताई थीं कमियां, 5 साल बाद भी बरकरारराजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) की शान में लगा नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) का ‘ए-ग्रेड’ तमगा हट गया है। जून-2017 में मिले ग्रेड की वैधता डेढ़ महीने पहले जून में खत्म हो चुकी है। लापरवाही इतनी है कि विवि प्रबंधन ने नैक ग्रेड को बरकरार रखने के लिए न तो कोई तैयारी की, न ही दूसरे चरण में नैक टीम से निरीक्षण कराया। आरजीपीवी मध्यप्रदेश का इकलौता प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है, लेकिन यहां का एक भी डिपार्टमेंट राष्ट्रीय रैकिंग में शामिल नहीं है।विवि के जिम्मेदार अधिकारी और एकेडमिक एचओडी अपने ही कैंपस में संचालित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के एक भी कोर्स को 17 साल बाद भी नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) से मान्यता नहीं दिला सके हैं। जबकि, आरजीपीवी से संबद्ध काॅलेज, इसके यूआईटी और यूटीडी से आगे निकलने लगे है। भोपाल में संचालित एसवी और महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के कोर्स एनबीए से एक्रीडिटेड हो गए हैं। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय 2008-09 से नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं कर सका है। इसका असर विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। उन्हें एक्सपोजर नहीं मिल पा रहा है।नैक ने 2017 में बताई थीं कमियां, 5 साल बाद भी बरकरारइंस्टीट्यूशनल अवसरआउट गोइंग स्टूडेंट्स की रोजगार की क्षमता में वृद्धि करना।सक्रिय अनुसंधान सहयोग द्वारा विवि की छवि और विजिविलिटी बढ़ाना।स्टूडेंट्स को अधिक विकल्प देने के लिए इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकाेण के साथ कोर्स को तैयार करना।भविष्य के लिए लक्ष्यों और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए स्ट्रेडजिक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना।इंस्टीट्यूशनल कमियांफैकल्टी और नॉन टीचिंग स्टॉफ के खाली पद।कमजोर औद्योगिकी संबंध।अपर्याप्त उत्पादक सहयोगी गतिविधियां।अपर्याप्त रिसर्च एंड डेवलपमेंट फंडिंगइंस्टीट्यूशनल चैलेंजगुणवत्तापूर्ण टीचिंग फैकल्टी को आकर्षित करना और उन्हें अपने साथ बनाए रखना।स्वायत्त कॉलेज प्रणाली को बढ़ावा देना।अनुसंधान और परामर्श में उत्कृष्टता प्राप्त करना।विश्वविद्यालय के विभागों और प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर को सक्रिय प्रशासनिक व वित्तीय स्वायत्तता देना।कुलपति का दावा.. नैक की वैधता 6 महीने बढ़ी, हकीकत कुछ और…विवि के कुलपति प्रो. सुनील कुमार का कहना है कि एनबीए ने खुद ही विजिट की तारीख आगे बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि नैक की वैधता 6 महीने के लिए बढ़ गई है। जबकि हकीकत में नैक ने कोरोना के कारण मूल्यांकन के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट, डाटा वेलीडेशन और वेरीफिकेशन की तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त 2022 की है। नैक की वैधता नहीं बढ़ाई गई है।प्रदेश के सिर्फ 5 विवि हैं नैक ग्रेडनैक ने अधिकृत वेबसाइट से एक्रीडिटेशन स्टेटस लिस्ट से आरजीपीवी का नाम हटा दिया है। अब प्रदेश की पांच यूनिवर्सिटी ऐसी हैं, जिनकी वैधता बरकरार है। इसमें इंदौर का देवी अहिल्या विवि शामिल है। इसके अलावा चार अन्य निजी विवि हैं।