प्रदूषण की मार झेल रहे गांवों में अब बहेगी विकास की गंगा
बिलासपुर। पहले खनिज पदार्थों को जमकर दोहन करो और फिर प्रदूषण में जी रहे लोगों के लिए विकास की गंगा बहाओ। कुछ इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने जिले के गौण खनिजों के उत्खनन के कारण प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाने के लिए अपना पिटारा खोल दिया है।
डीएमएफ फंड से 12 करोड़ 21 लाख स्र्पये स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से प्रभावित गांवों के रहवासियों के लिए बुनियादी सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जिला खनिज न्यास संस्थान (डीएमएफटी) की शासी परिषद की बैठक में बिलासपुर जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित गांवों में 12 करोड़ 21 लाख रुपये के 113 कार्याें की स्वीकृति दी गई।
बैठक की अध्यक्षता गृह एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए की। सोमवार को हुई वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना के तहत जिले के कुपोषित बच्चों के लिए अतिरिक्त आहार के लिए एक करोड़ नौ लाख 64 हजार रुपये स्वीकृति के लिए अनुमोदन किया गया।
प्रभारी मंत्री साहू ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। इससे निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाते हुए आवश्यक तैयारी कर ली जाए। यह संभावना जताई जा रही है कि तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे।
कलेक्टर डा. सारांश मित्तर ने डीएमएफ की गाइडलाइन के अनुसार अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों में कुल व्यय राशि का 60 प्रतिशत एवं प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र में 40 प्रतिशत व्यय करने के लिए प्रस्ताव अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया।
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के उन्न्यन के लिए 75 लाख
अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के तहत मंगला, लाला लाजपत राय एवं तारबाहर में उन्न्यन कार्य के लिए 75 लाख एवं मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत एक करोड़ नौ लाख 64 हजार इस प्रकार कुल 12 करोड़ 21 लाख राशि की कार्ययोजना का प्रस्ताव शासी समिति के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा गया।
विधायकों ने दिए सुझाव
शासी समिति के सदस्य संसदीय सचिव एवं तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय, मस्तूरी विधायक डा. कृष्णमूर्ति बांधी एवं बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने अपने-अपने क्षेत्रों के प्रस्ताव रखे एवं सुझाव भी वर्चुअली उपस्थित होकर दिए। वर्चुअल बैठक में अशासकीय सदस्य व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद नायक समेत अन्य की मौजूदगी रही।