अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, तालिबान ने तेज की लड़ाई, अमेरिका के विशेष दूत पहुंच रहे काबुल
काबुल। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी के दौरान ही तालिबान अब कई प्रांतों में जिलों पर कब्जा करने के लिए नियोजित तरीके से संघर्ष कर रहा है। पिछले 24 घंटों में तीन से ज्यादा जिलों पर उसका कब्जा हो गया है। आतंकियों ने जगह-जगह बारूदी सुरंगे बिछा दी हैं। एक बारूदी सुरंग में विस्फोट से तीन बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई। तालिबानी आतंकियों ने नूरिस्तान में दोआब जिले पर कब्जा करने के बाद मंडावल व एक अन्य जिले पर भी कब्जा कर लिया है।
तीनों जिलों पर तालिबान का कब्जा
नूरिस्तान के प्रांतीय काउंसिल के सदस्य ने तीनों जिलों पर तालिबान के कब्जे की पुष्टि की है। जाबुल प्रांत में शिंकई जिला तालिबान के कब्जे में आ गया है। बदगिस प्रांत में तालिबान द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग से 11 लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग यात्रा कर रहे थे और रास्ते में सड़क पर बारूदी सुरंग से विस्फोट में मारे गए। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 27 ऐसे अपराधी पकड़े गए हैं, जो हिंसा की आड़ में ड्रग और हथियारों की तस्करी कर रहे थे।
अमेरिका के विशेष दूत पहुंच रहे काबुल
सेना वापसी के दौरान हिंसा तेज होने के कारण अमेरिका के अफगानिस्तान में शांति के लिए नियुक्त विशेष दूत जालमे खलीलजाद काबुल और कतर की यात्रा पर हैं। वह क्षेत्र में अन्य देशों की भी यात्रा कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार तालिबान अब शांति वार्ता में शामिल होने का इच्छुक नहीं है। वह अलकायदा से करीबी बनाए हुए है।
पाकिस्तान में की जा रही यह मांग
मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने पाकिस्तान की सरकार से मांग की है कि वहां रहने वाले अफगानी नागरिकों को पाक नागरिकता और वोट का अधिकार दिया जाए।