अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर ब्रिटेन के पीएम तक कई को झेलना पड़ा मैक्रॉन की ही तरह लोगों का गुस्सा
नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के गाल पर लगे थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। दक्षिण पूर्वी फ्रांस के डोम इलाके में हुई इस घटना ने उन सभी घटनाओं की याद ताजा कर दी हैं जब विभिन्न देशों को राष्ट्राध्यक्षों को इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था। मैक्रॉन के साथ हुई घटना के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर इसकी बाढ़ सी आ गई थी। घटना के फौरन बात थप्पड़ मारने वाले शख्श को हिरासत में ले लिया गया। किसी ने भी नहीं सोचा था कि मैक्रॉन के साथ इस तरह की कोई घटना घट सकती है।
ये घटना उस वक्त हुई जब मैक्रॉन लोगों से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। मैक्रॉन के साथ इस तरह का वाकया दूसरी बार घटा है। इससे पहले जुलाई 2020 में जब अपनी पत्नी के साथ पेरिस में ही किसी इलाके का दौरा कर रहे थे तब कुछ लोगों ने उन पर अभद्र टिप्पणी की थी। इस घटना ने एक बार फिर से राष्ट्राध्यक्षों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। बहरहाल, दुनिया में इस तरह की ये कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि इससे पहले भी पाकिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन, ताइवान के राष्ट्राध्यक्षों के साथ इस तरह की घटना घट चुकी है।
2008 में बगदाद में एक ऐसी घटना घटी थी जिसने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था। ये घटना दुनिया की महाशक्ति के तत्कालीन प्रमुख अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश जूनियर के साथ घटी थी। ये घटना उस वक्त घटी जब बुश एक प्रेसवार्ता में मौजूद पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। तभी 30 वर्षीय अल बगदादिया के पत्रकार मुंतजिरर अल जैदी ने उन पर एक-एक कर दो जूते फेंककर मारे थे। जिस वक्त ये घटना घटी उस वक्त वहां पर इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी भी मौजूद थे। मार्च 2009 में जैदी को इस अपराध के लिए तीन वर्षों की सजा सुनाई गई थी। बाद में इस जूते को भी नष्ट कर दिया गया था। इस जूते में विस्फोटक की आशंका के मद्देनजर इसकी पूरी जांच की गई थी। इस जूते को इराकी फुटबाल टीम के पूर्व कोच ने खरीदने की भी कोशिश की थी।
2010 में ऐसी ही एक घटना ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के साथ घटी थी। उस वक्त वो एक किताब ए जर्नी के विमोचन के सिलसिले में आयरलैंड गए हुए थे। जब वो अपने जीवन से जुड़ी किताबों की प्रतियों पर साइन कर रहे थे उसी वक्त उनके ऊपर जूतों साथ अंडे तक फैंके गए थे। इस किताब में 9/11 का हमला और डाउनिंग स्ट्रीट में बिताए उनके पलों का जिक्र था। हालांकि इनमें से कोई भी जूता उनको नहीं लगा था। आरोपियों ने ऐसा इराक और अफगानिस्तान में ब्लेयर की भूमिका के विरोध स्वरूप किया था। ये लोग कह रहे थे कि उन्होंने कई बच्चों को मार डाला है। इस घटना के बाद तीन लोगों को हिरासत में लिया गया था।
2010 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर में उस वक्त जूता फेंक कर मारा गया था जब वो पीपीपी के एक अधिवेशन में हिस्सा ले रहे थे। इसके आरोपी शमीम खान को तुरंत वहां से बाहर कर दिया गया था। आपको बता दें कि जहां ये अधिवेशन हो रहा था वहां पर आयोजन स्थल के बाहर जरदारी की ब्रिटेन यात्रा के खिलाफ जमकर विरोध हो रहा था।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के ऊपर दो बार अलग अलग जगहों पर जूता फेंका गया था। पहली बार ये घटना फरवरी 2011 में उस वक्त घटी थी जब मुशर्रफ लंदन में ऑल मुस्लिम लीग पार्टी की मीटिंग बोल रहे थे। इसी दौरान एक शख्स ने उन्हें तानाशाह बताते हुए उनके ऊपर जूता फेंक दिया था। मुशर्रफ ने इसको विरोधियों की साजिश करार दिया था। उनके ऊपर दूसरी बार वर्ष 2013 में सिंध हाईकोर्ट से बाहर निकलते मुशर्रफ को एक वकील ने जूता फेंककर मारने की कोशिश की थी।