पहचान छुपाकर 20 वर्षों से भारत में रह रहे कुख्यात बांग्लादेशी मानव तस्कर को बीएसएफ ने किया गिरफ्तार
कोलकाता । भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी के विरुद्ध लगातार चलाए जा रहे अभियान में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। उत्तर 24 परगना जिले में सीमा चौकी घोजाडांगा इलाके से बीएसएफ ने एक ऐसे कुख्यात बांग्लादेशी मानव तस्कर को गिरफ्तार किया है जो अपनी पहचान छुपाकर पिछले 20 वर्षों से भारत में रह रहा था। पुलिस को भी लंबे समय से उसकी तलाश थी। बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सात जून को बल की इंटेलिजेंस ब्रांच की विश्वस्त सूचना पर कार्य करते हुए सीमा चौकी घोजाडांगा, 153वीं वाहिनी के जावान आईसीपी घोजाडांगा (अंतरराष्ट्रीय सीमा) के पास घात लगाकर बैठ गए। शाम के समय एक व्यक्ति (मानव तस्कर) आईसीपी घोजाडांगा की ओर आते दिखाई दिया।
तलाशी में पांच बांग्लादेशी सिम कार्ड व कई सारे नकली आधार कार्ड मिले
घात लगाए जवानों ने विशेष सूचना के आधार पर तस्कर को रोककर तलाशी ली तो उसके पास से दो मोबाइल फोन, भारतीय सिम कार्ड (एयरटेल), पांच बांग्लादेशी सिम कार्ड तथा कई सारे नकली आधार कार्ड बरामद हुए। जवानों ने तुरंत ही तस्कर को गिरफ्तार कर लिया और अग्रिम पूछताछ के लिए सीमा चौकी घोजाडांगा ले आए।
पूछताछ में हुए कई खुलासे
पकड़े गए तस्कर ने प्रारंभिक पूछताछ में अपना नाम हसन गाजी (28), पिता का नाम- स्वर्गीय अरशद मोरोल, वर्तमान पता- गांव+डाकघर- इटिंडा, थाना- बशीरहाट, जिला- उत्तर 24 परगना (भारत) बताया। आगे इसने अपना स्थाई पता ग्राम- मौलापारा, थाना+डाकघर- भरखोली, जिला- सातखीरा (बांग्लादेश) बताया।पूछताछ में तस्कर हसन गाजी ने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है तथा पिछले 20 सालों से वह अवैध तरीके से भारत में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा है। उसने भारतीय महिला (खुखुमोनी बीबी) से शादी भी किया है, तथा वह फर्जी सरकारी दस्तावेज हासिल कर कानूनी कार्रवाई से बचता रहा है। आगे उसने बताया की उसके पास दो अज्ञात महिला का फर्जी आधार कार्ड है जिसका उपयोग बांग्लादेशी महिलाओं को अवैध तरीके से सीमा पार करने तथा बीएसएफ के ड्यूटी लाइन क्रॉस करने के लिए वह करता है।
मानव तस्करी के सिंडिकेट में शामिल लोगों के नामों का किया खुलासा
इसके अतिरिक्त कड़ाई से पूछताछ में उसने मानव तस्करी के सिंडिकेट का भी भंडाफोड़ किया तथा कई अन्य तस्करों के नाम बताए जो उसके साथ मानव तस्करी के रैकेट में शामिल है। आगे उसने बताया कि बांग्लादेश से महिलाएं व नाबालिग लड़कियां ज्यादा पैसे कमाने के लालच में जल्दी फंस जाती है जिसका वह और उसके साथी फायदा उठाते हैं।तस्कर ने बताया कि हमारा काम उनको सीमा पार कराकर उन्हें आगे भेज देना है जिसके लिए हमें मोटी रकम मिल जाती है। गिरफ्तार तस्कर तथा जब्त सामग्री को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस स्टेशन बशीरहाट को सौंप दिया गया है।
बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की थपथपाई पीठ
इधर, 153वी बटालियन, बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने कुख्यात मानव तस्कर की गिरफ्तारी पर अपने जवानों की पीठ थपथपाई और खुशी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी तथा अन्य प्रकार की सभी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए उन्होंने अपने इलाके के पुलिस अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों से भी मानव तस्करी तथा अवैध गतिविधियों को खत्म करने तथा इसमें शामिल लोगों को कठोर दंड दिलाने में सहयोग मांगा है।