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भाजपा का सफल सिंधिया मॉडल, कांग्रेस के लिए अपने युवा नेताओं को बचाने की चुनौती

भोपाल। प्रतिस्पर्धी को कमजोर कर खुद को मजबूत करने के सियासी दांव पर भाजपा का ज्योतिरादित्य मॉडल बेहद सफल दिख रहा है। उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की आहट के बीच कांग्रेस से एक और युवा चेहरे जितिन प्रसाद ने भाजपा में आमद दी है। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक ऐसे कई युवा नेता कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों को छोड़कर भाजपा का रुख कर सकते हैं, जिन्हें न तो अपने दल में अपेक्षानुरूप सम्मान मिल रहा और न ही सियासी भविष्य दिख रहा, जैसा सिंधिया को भाजपा में हासिल है।

कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प तो भाजपा को मिल रहे मजबूत युवा चेहरे

दरअसल, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस सरकार के पतन और शिवराज सरकार की वापसी के सीमित सियासी घटनाक्रम तक देखा गया, जबकि भाजपा ने इसे बड़े प्रयोग के तौर पर चुनौती के रूप में स्वीकार किया। संगठन ने सिंधिया को पार्टी में ऐसे नेता के रूप में स्थापित करने की कवायद शुरू की, जिसे अपनी मूल पार्टी से ज्यादा सम्मान मिला।

कैबिनेट में उनके समर्थकों को तवज्जो दी गई तो विधानसभा की 28 सीट पर उपचुनाव में सिंधिया के उन सभी साथी पूर्व विधायकों को टिकट दिया गया, जो विधायकी से इस्तीफा देकर आए थे। इधर, सिंधिया को भी भाजपा ने राज्यसभा भेजने में संकोच नहीं दिखाया। भाजपा के इस मॉडल पर कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के कई दिग्गज युवा नेताओं की नजर थी तो भाजपा भी ऐसे चेहरों को लेकर सजग है। ऐसे में भाजपा एक तीर से दो निशाने लगा रही है, पहला कि वह कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प साकार करने की दिशा में वह आगे बढ़ रही है, तो दूसरा अपने संगठन में मजबूत युवा चेहरे बढ़ा रही है।

यह समानता

जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद और सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट में कांग्रेस हाईकमान से विद्रोह की समानता रही है तो माना जा रहा है कि सचिन पायलट भी अगला नाम हो सकते हैं। पिछले वर्ष राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध करने के बाद से पायलट न उप मुख्यमंत्री रहे और न ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष। उनके सियासी भविष्य पर वैसे ही सवाल गहराते जा रहे हैं, जैसे कमल नाथ सरकार में सिंधिया ने महसूस करते हुए कांग्रेस से किनारा कर लिया था।

ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया ने भी राजीव गांधी के खिलाफ बगावत कर मध्य प्रदेश कांग्रेस बनाई थी। दक्षिण मुंबई के सांसद मिलिंद देवड़ा के भाजपा से नजदीकियां बढ़ाने वाले ट्वीट को भी इसी कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।

मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक विचार है। सदस्य बनने वाले पार्टी में उसी तरह समाहित हो जाते हैं, जैसे दूध में शकर घुल जाती है। 1980 में भाजपा के निर्माण के समय कई समाजवादी मित्र पार्टी में शामिल हुए थे और वे आज प्रमुख जिम्मेदारियों पर रहकर राष्ट्रवाद की पताका फहरा रहे हैं। सिंधिया जी सहित अन्य मित्र भी आने वाले समय में ऐसे ही उत्कृष्ट प्रतिमान गढ़ेंगे।